दर्श अमावस्या (सौ.सोशल मीडिया)
दर्श अमावस्या सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है, जो पितरों की शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए समर्पित है। आपको बता दें, इस बार आषाढ़ महीने की कल 25 जून, बुधवार को मनाई जाएगी। धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों के लिहाज से यह अमावस्या बड़ा महत्व रखता है।
बता दें, दर्श अमावस्या हिंदू पंचांग में हर महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को पड़ती है। यह दिन खासकर पितरों यानी पूर्वजों की शांति, तर्पण और दान-पुण्य के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।
ज्योतिषयों के अनुसार, इस दिन रात के समय किए गए कुछ विशेष उपाय आपके बिगड़े कामों को बनाने और जीवन में सुख-समृद्धि लाने में बहुत प्रभावी माने जाते हैं। दर्श अमावस्या की रात में किए जाने वाले उपाय मुख्य रूप से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने, नकारात्मकता को दूर करने और चंद्र दोष को शांत करने से संबंधित होते हैं, जो आपके रुके हुए कार्यों को गति देते हैं।
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ऐसे में आइए यहां एक ऐसा प्रभावी उपाय बताया गया है, जिसको करने से आपके सभी बिगड़े हुए काम बनने लगेंगे।
ऐसी मान्यता है कि जब आप पीपल के नीचे दीपक जलाकर पितरों का स्मरण करते हैं, तो उनकी आत्मा को शांति मिलती है। प्रसन्न पितर अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं, जिससे उनके जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और बिगड़े काम बनने लगते हैं। बता दें, अमावस्या की रात को नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता हैं।
दीपक की रोशनी और पीपल की सकारात्मक ऊर्जा मिलकर इस नकारात्मकता को दूर करती है, जिससे आपके रास्ते में आने वाली रुकावटें हट जाती हैं।