पुत्रदा एकादशी (सौ.सोशल मीडिया)
Putrada Ekadashi 2025 : भगवान शिव का प्रिय महीना सावन धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से सनातन धर्म में बड़ा महत्व रखता है। इस महीने में पड़ने वाले व्रत-त्योहारों का अलग ही महत्व होता है। सावन में जहां शिवरात्रि, मंगला गौरी और सावन सोमवार का व्रत रखा जाता है, वहीं सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर पुत्रदा एकादशी का व्रत भी रखा जाता है।
जो इस बार 5 अगस्त को पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि, पुत्रदा एकादशी व्रत करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है।
इस तिथि पर उनकी उपासना और दान पुण्य जैसे शुभ काम करने पर संतान सुख व पुत्र प्राप्ति के योग बनते हैं। कहा जाता है कि पुत्रदा एकादशी पर गाय को चारा खिलाने से संतान के उज्ज्वल भविष्य का आशीर्वाद मिलता है। हालांकि इस दिन कुछ खास उपाय करने पर भी मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती हैं। ऐसे में आइए पुत्रदा एकादशी के उपायों को जानते हैं।
ज्योतिषयों के अनुसार, पुत्रदा एकादशी के दिन तुलसी के पौधे के निकट गाय के घी का दीपक जलाना शुभ होता हैं। तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी। धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।। लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्। तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।। मंत्र का जप करें। इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु जी को समर्पित है। कहा जाता है कि,भगवान विष्णु जी की पूजा में पीले फूल और फल चढ़ाना शुभ होता है। इससे वह प्रसन्न होते हैं, जिसके प्रभाव से संतान सुख का आशीर्वाद मिलता है।
इस दिन आप भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मखाने की खीर का भोग भी लगा सकते हैं। ऐसा करने पर संतान के जीवन में चल रही समस्याएं दूर होती हैं।
एकादशी के दिन जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु को तुलसी दल अर्पित करें। फिर उनकी पूजा करते हुए आरती करें। इसके प्रभाव से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं।
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इस दिन दान पुण्य जैसे कार्य करने पर साधक का भाग्योदय होता है। यही नहीं व्यक्ति को संतान सुख की प्राप्ति भी होती है।