शिवलिंग पर नहीं चढ़ानी चाहिए ये चीजें (सौ.सोशल मीडिया)
सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति और पूजा का सबसे पवित्र समय माना जाता है। सावन में कई लोग जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करते है। कुछ लोग घर पर शिवलिंग की स्थापना भी करते हैं, कावड़ यात्रा की शुरुआत भी सावन महीने में ही होती है। इस तरह से सावन के 30 दिन किसी त्योहार की तरह लगते है।
आपको बता दें, सावन माह में हर कोई भगवान शिव की कृपा पाने के लिए पूजा-पाठ करता है और व्रत आदि रखता है। भगवान शिव की पूजन विधि बहुत सरल है, लेकिन नियम कठोर।
कहा भी जाता है कि शिवशंभू तो एक लोटा शुद्ध जल चढ़ाने मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन नियमों का पूर्ण रूप से पालन करना जरूरी होता है।
नियमों की अनदेखी करने पर पुण्य के बजाय आप पाप के भागीदार भी बन सकते हैं। इसलिए आइए यहां जान लीजिए कि सावन में शिवलिंग पूजन के दौरान कौन सी गलतियां नहीं करने चाहिए
जैसा कि आप जानते है कि, सभी शुभ एवं धार्मिक कार्यों में हल्दी को बहुत पवित्र और महत्वपूर्ण माना गया है लेकिन शंकर भगवान की पूजा में हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है। हल्दी का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है।
शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक माना जाता है इसलिए महादेव को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है।
ज्योतिष बताते है कि, भोलेनाथ को कनेर और कमल के अलावा कोई भी अन्य फूल प्रिय नहीं है। शिव जी को किसी भी लाल रंग के फूल, केतकी और केवड़े के फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से पूजा का फल नहीं मिलता है।
शास्त्रों के अनुसार शिव जी की पूजा में कुमकुम और रोली का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसलिए शिवलिंग पर कभी भी रोली नहीं चढ़ानी चाहिए।
भगवान विष्णु को शंख बहुत ही प्रिय हैं लेकिन शिव जी की पूजा में शंख का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. शंकर भगवान ने शंखचूर नाम के असुर का वध किया था इसलिए शंख भगवान शिव की पूजा में में वर्जित माना गया है।
शिवलिंग पर भूलकर भी तुलसी की पत्तियां नहीं चढ़ानी चाहिए। शिवलिंग पर हमेशा बेलपत्र ही चढ़ाना चाहिए। शिव जी के बेलपत्र बहुत ही प्रिय है।
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यह कहा जाता है कि जो भी शिवलिंग पर चढ़ाएं उसे खुद कभी भी न खाएं। हमेशा शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ दूसरों को बांट देना चाहिए। जो शिवलिंग पर चढ़ाए हुए को खुद ही खा लेते हैं, ऐसा माना जाता है कि उनका भाग्य बुरा हो जाता है।