
नवमी पर करें कन्या पूजन (सौ.सोशल मीडिया)
Shardiya Navratri Kanya Pujan: शारदीय नवरात्रि की आज अष्टमी औऱ नवमी दोनों तिथि हैं इस दौरान माता के स्वरूप कन्याओं का पूजन करने और भोजन कराने का विधान होता है। नवरात्रि के नौवें दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती हैं माता को अष्ट सिद्धियों की दात्री के रूप में जाना जाता है। कन्या पूजन के दौरान लोग 2-10 वर्ष की छोटी-छोटी कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर आदरपूर्वक घर बुलाते हैं, उनके पैर धोते हैं, भोजन में पूरी, चना, हलवा और नारियल खिलाते हैं।
इसके बाद कन्याओं को गिफ्ट या पैसे दिए जाते हैं इस दौरान भी कई नियमों का पालन करना जरूरी होता है। अगर आप इस विधान में किसी प्रकार की गलती करते है तो आपके लिए अच्छा नहीं होता हैं यानि माता दुर्गा का आशीर्वाद आपको नहीं मिलता है।
शारदीय नवरात्रि के नौवें दिन यानि नवमी तिथि को कन्या पूजन कराने का विधान होता हैं इस दौरान कंजकों को भोजन कराने के बाद उपहार दिए जाते हैं। यहां पर कंजकों के लिए उपहार चुनते समय हमें कई बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है। इस दौरान गलती बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
1- कन्या पूजा के दौरान कन्याओं को उपहार में धातु नहीं भेंट करना चाहिए यानि भूलकर भी बर्तन या प्लास्टिक की चीजें उपहार में नहीं दें।
2-कन्या पूजन के बाद कंजकों को उपहार में कांच की या नुकीली कोई वस्तुएं देने से भी बचना चाहिए।
3-माता का स्वरूप होती हैं कन्याएं, इसलिए लाल रंग की चुनरी या कपड़े उपहार में देना चाहिए गलती से भी काले कपड़े व काले रंग का रूमाल भेंट नहीं करें।
4-कन्याओं को भोजन कराने के दौरान यह बात याद रखें कि, सीधे भोजन कराने के बजाय पहले उनके पैर धोएं, तिलक लगाएं और फिर आसन पर बिठाकर भोजन परोसें।
5-भोजन बनाने के दौरान खाना लहसुन और प्याज का नहीं बना होना चाहिए।
6-छोटी कन्याएं जितना खा पाएं उन्हें आदरपूर्वक उतना ही खिलाएं।
7-कन्याओं को भोजन और उपहार आदि देने के बाद पैर छूने का नियम होता हैं भूलना नहीं चाहिए माता दुर्गा नाराज हो सकती है।
8- कन्याओं को विदा करने के बाद तुरंत ही घर की साफ-सफाई न करें इस दौरान थोड़ा रूकना चाहिए।






