उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को अंगद टीला, अयोध्या में श्री रामलला के श्रीविग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री योगी। (सौजन्यः सोशल मीडीया)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भगवान श्रीरामलला के श्रीविग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर आयोजित 'प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम' में शामिल हुए। अंगद टीले में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने श्रीरामलला के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन व पुष्पांजलि की। इस वक्त सीएम ने अशोक सिंहल को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस वक्त कहा कि सत्य को अधिक दिनों तक धुंधला करके कोई नहीं रख सकता है। सत्य एक दिन उजागर होगा। देश-दुनिया सत्य के रूप में अयोध्या में रामजन्मभूमि पर प्रभु रामलला के भव्य मंदिर देख रही है। अयोध्या में रामजन्मभूमि के लिए हुए अनगिनत बलिदान व उन सब मूल्यों के साथ अग्निपरीक्षा के दौर से बार-बार गुजरने के बाद भी धैर्य न खोना इस अभियान का हिस्सा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदू पंचांग के अनुसार श्रीरामजन्मभूमि पर प्रभु रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास द्वारा प्रतिष्ठा-द्वादशी के रूप में त्रिदिवसीय आयोजन का शुभारंभ किया गया है। 22 दिसंबर 1949, रामलला का अपनी जन्मभूमि में प्रकटीकरण होना, प्राण-प्रतिष्ठा के एक वर्ष के उपरांत आज मंगलगान के साथ अभिभूत होकर हम सभी गौरव की अनुभूति कर रहे हैं।
सीएम ने कहा कि इसका शुभारंभ 9 नवंबर 2019 को हुआ, जब न्यायपालिका ने सर्वसम्मत से निर्णय सुनाया कि अयोध्या में जहां विवादित ढांचा था, वह रामजन्मभूमि है। वहां ट्रस्ट गठित करते हुए प्रभु के भव्य मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होना चाहिए। 5 अगस्त 2020 को इसी अयोध्या धाम में आकर पीएम मोदी ने प्रभु रामलला के भव्य राममंदिर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उन अनगिनत रामभक्तों, कारसेवकों व पूज्य संतों के ऋणी हैं, जो संघर्ष के साथ अग्नि परीक्षा के दौर से गुजरते हुए भी अपने मार्ग से विचलित नहीं हुए। 1528 से छह दिसंबर 1992 तक हर 15-20 वर्ष के अंतराल में हिंदू समाज अपनी जन्मभूमि को वापस प्राप्त करने के लिए निरंतर कार्य और संघर्ष करता रहा।
सीएम ने कहा कि 13 जनवरी से प्रयागराज की धरती पर महाकुम्भ का आयोजन होने जा रहा है। अयोध्या जैसी भव्य सुविधा प्रयागराज में प्राप्त होने वाली है। प्रयागराज महाकुम्भ भव्यता-दिव्यता, आस्था व आधुनिकता के संगम के रूप में देखने को मिल रहा है। सीएम ने सभी से अनुरोध किया कि एक बार जाकर त्रिवेणी में स्नान कीजिए और सनातन धर्म के बढ़े गौरव का मूर्त रूप देखकर आइए।
मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ी में भी किया दर्शन-पूजन: मुख्यमंत्री ने लखनऊ निकलने से पूर्व संकटमोचन हनुमानगढ़ी के दरबार में भी हाजिरी लगाई। उन्होंने यहां विधिवत पूजा-अर्चना करते हुए प्रदेशवासियों के सुखमय जीवन की प्रार्थना की।