पितृ पक्ष में नवरात्रि पूजा सामग्री खरीदना शुभ या अशुभ?(सौ.सोशल मीडिया)
Pitru Paksha Shhoping for Puja: हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष का बड़ा महत्व है। अब पितृ पक्ष का समापन होने जा रहा है। पितृ पक्ष का आख़री दिन 21 सितंबर को है। इसके ठीक एक दिन बाद 22 सितंबर से देवी आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्र की शुरूआत हो जाएगी। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल है कि पितृ पक्ष के आखिरी दिन नवरात्रि पूजन की सामग्री खरीद सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इस बारे में शास्त्रों में क्या नियम बताए गए हैं –
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान शुभ कार्य, मांगलिक कार्यक्रम और नई वस्तुओं की खरीददारी करने की मनाही होती हैं। ऐसी मान्यता है कि यह समय सिर्फ पितरों की तृप्ति और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए होता हैं।
दूसरी ओर, पितृ पक्ष समाप्त होने के अगले दिन से शुरू होने वाला नवरात्रि पर्व देवी पूजन और नए कार्यों की शुरुआत के लिए अत्यंत शुभ माना जाता हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष के अंतिम दिन यानी सर्वपितृ अमावस्या पर नवरात्रि सामग्री या किसी भी शुभ कार्य से जुड़ी वस्तु खरीदने से बचना चाहिए। इस तिथि को सिर्फ पितरों की शांति और मोक्ष के लिए समर्पित माना जाता हैं। ऐसे में शुभ एवं मांगलिक अनुष्ठान के लिए नई वस्तुओं की खरीद इस दिन करना शुभ एवं उचित नहीं मानी जाती हैं।
आपको बता दें, हालांकि, यदि किसी कारणवश सामग्री पहले से ही लेनी आवश्यक हो, तो यह कार्य अमावस्या तिथि के समाप्त होने के बाद या फिर नवरात्रि के आरंभिक दिन यानी 22 सितंबर की सुबह खरीदना शुभ एवं उत्तम रहेगा।
पंचांग के अनुसार, इस बार शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत 22 सितंबर (रविवार) से होगी। पितृ पक्ष का अंतिम दिन 21 सितंबर (शनिवार) को सर्वपितृ अमावस्या के रूप में मनाया जाएगा।
ऐसे में नवरात्रि की सामग्री जैसे कलश, दीपक, चुनरी, नारियल, गेहूं, जौ, अक्षत, अगरबत्ती आदि खरीदने का सबसे उपयुक्त समय 22 सितंबर की सुबह से शुरू होगा।
नवरात्रि में माता के नौ रूपों की पूजा होती है साथ ही इन्हें पूजा में भोग भी लगाया जाता है। नवरात्रि का व्रत रखने वालों को सबसे पहले इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि नवरात्रि के दौरान आपको सात्विक भोजन ही करना है।