
'नौमुखी रुद्राक्ष'(सौ.सोशल मीडिया)
9 Mukhi Rudraksha Benefits: हिन्दू मान्यता के अनुसार,रुद्राक्ष का निर्माण भगवान शिव के अश्रुओं से हुआ है जो लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं, उन पर महादेव की कृपा होती है। भगवान शंकर उनके कष्टों को दूर करते हैं और भय से मुक्ति प्रदान करते है।
केवल एक आध्यात्मिक प्रतीक मात्र नहीं है, अपितु यह एक गहन ऊर्जा-तंत्र है जिसका वर्णन और विधान प्राचीनतम शास्त्रों, उपनिषदों और तंत्र-ग्रंथों में निहित है। आज हम आपको 9 मुखी रुद्राक्ष के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको धारण करने से कौन-कौन से फायदे होते हैं।
अगर 9 मुखी रुद्राक्ष की बात करें तो, 9 मुखी रुद्राक्ष को भैरव बाबा का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि, 9 मुखी रुद्राक्ष बहुत ही चमत्कारी होता है। जो असंभव को संभव बना देता है। ये नवदुर्गा के नौ रूपों (शैलपुत्री से सिद्धिदात्री तक) का प्रतीक है, और कपिल मुनि से भी जुड़ा हुआ है। शास्त्रों के अनुसार, भैरव बाबा के प्रभाव से ये बाधाओं और नकारात्मक उर्जा से मुक्ति दिलाता है।
ज्योतिष धर्म गुरु के अनुसार, 9 मुखी रुद्राक्ष मां दुर्गा और भगवान भैरव का प्रतीक माना जाता है। यह अत्यंत शक्तिशाली रुद्राक्ष है, जो व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा, भय और बाधाओं से मुक्त करता है। इसमें नव शक्तियों का वास होता है और इसे धारण करने वाले व्यक्ति को साहस, आत्मविश्वास, और शक्ति प्राप्त होती है।
यह रुद्राक्ष मुख्य रूप से नेपाल और इंडोनेशिया में पाया जाता है और इसकी पूजा-अर्चना से विशेष लाभ मिलते हैं।
भगवान शिव को रुद्राक्ष का जनक माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान शिव ने संसार की पीड़ा को देखा, तो उनकी आंखों से आंसू गिरने लगे। उन्हीं आंसुओं से रुद्राक्ष वृक्ष उत्पन्न हुए।
इस प्रकार, रुद्राक्ष को भगवान शिव का दिव्य अंश माना जाता है। 9 मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से भगवान शिव और देवी दुर्गा से संबंधित है। शिव पुराण में कहा गया है कि 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को शिव जी एवं देवी दुर्गा दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह व्यक्ति को मोक्ष की ओर अग्रसर करता है और उसमें आध्यात्मिक चेतना को जगाता है।
यह रुद्राक्ष व्यक्ति को बुरी शक्तियों, बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है।
इसे धारण करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और भय, तनाव, और चिंता दूर होती है।
इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि आती है और आर्थिक स्थितियों में सुधार होता है।
यह हृदय रोग, रक्तचाप और तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याओं में लाभकारी होता है।
9 मुखी रुद्राक्ष इसे धारण करने वाले व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से स्थिरता प्रदान करता है।
यह रुद्राक्ष राहु ग्रह से संबंधित दोषों को समाप्त करता है और नवग्रहों को संतुलित करता है।
इसे धारण करने से जीवन में आने वाली बाधाओं और समस्याओं का समाधान मिलता है।
साधकों और योगियों के लिए यह रुद्राक्ष विशेष रूप से लाभकारी होता है। साथ ही यह महिलाओं को शक्ति, आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
इस रूद्राक्ष को आमतौर पर लाल या सफेद धागे में पिरोकर गले में धारण करना चाहिए। ये सबसे प्रभावी माना जाता है। इसे पहनने से हृदय चक्र सक्रिय होता है। अगर इसे पहनना संभव न हो तो इसे घर तिजोरी या पूजा स्थल पर रखें। ये घर परिवार को सुरक्षा देता है।
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रुद्राक्ष को गंगा जल, कच्चे दूध, शहद, बेल पत्र और मिश्री के मिश्रण में 1-2 घंटे डुबोएं। स्नान करके सफेद और लाल कपड़े पहनें और धूप जलाकर पूजा करें। साथ ही मंत्र जाप करें. ॐ ह्रीं ह्रूं नमः या ॐ नमः शिवाय का 108 बार जाप करें। शिव-पार्वती या दुर्गा मां की पूजा करें।
सोमवार (शुक्ल पक्ष), मंगलवार, शुक्रवार या नवरात्रि में इसे पहनने का सबसे अच्छा मुहुर्त होता है।






