
Arjun And Wife (Source. Pinterest)
Arjun ki kitni patniya thi: महाभारत में जब भी पांडवों की पत्नियों की चर्चा होती है, तो सबसे पहले द्रौपदी का नाम सामने आता है। द्रौपदी को पांडवों की पटरानी माना गया और वे पांचों भाइयों की पत्नी थीं। लेकिन यह मान लेना कि पांडवों की केवल एक ही पत्नी थी, पूरी तरह सही नहीं है। द्रौपदी के अलावा भी पांचों पांडवों की अलग-अलग पत्नियाँ थीं, जिनका उल्लेख ग्रंथों में सीमित रूप से मिलता है।
द्रौपदी की एक स्पष्ट शर्त थी कि पांडवों की अन्य पत्नियाँ उनके साथ एक ही स्थान पर निवास नहीं करेंगी। यही कारण है कि द्रौपदी के अलावा बाकी रानियाँ अलग-अलग क्षेत्रों में रहती थीं और उनके जीवन का वर्णन अपेक्षाकृत कम मिलता है।
द्रौपदी के अतिरिक्त अर्जुन की सबसे प्रसिद्ध पत्नी सुभद्रा थीं। सुभद्रा श्रीकृष्ण की बहन और वीर अभिमन्यु की माता थीं। अर्जुन अपने समय के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर ही नहीं, बल्कि अत्यंत आकर्षक और गुणवान भी थे। यही वजह थी कि अनेक स्त्रियाँ उनसे प्रभावित हुईं। कुछ संबंध प्रेम तक सीमित रहे, तो कुछ विवाह में बदले।
एक बार अज्ञातवास के दौरान अर्जुन एक सरोवर के पास पहुँचे, जहाँ नागलोक की राजकुमारी उलूपी निवास करती थीं। उलूपी अर्जुन पर मोहित हो गईं और उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “मैं प्रेम की इच्छा से आपके पास आई हूँ।” पहले तो अर्जुन ने इसे अस्वीकार किया, लेकिन उलूपी ने शास्त्रों का हवाला देते हुए कहा कि प्रेम निवेदन ठुकराना अधर्म है। अंततः अर्जुन ने उनका प्रेम स्वीकार किया। इस संबंध से अर्जुन को इरावण नामक पुत्र की प्राप्ति हुई, जिसने महाभारत युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वनवास के दौरान अर्जुन मणिपुर पहुँचे, जहाँ उनकी भेंट राजकुमारी चित्रांगदा से हुई। चित्रांगदा की वीरता और पुरुष समान कद-काठी से अर्जुन अत्यंत प्रभावित हुए और उन्होंने विवाह का प्रस्ताव रखा। चित्रांगदा के पिता ने शर्त रखी कि इस विवाह से जन्मा पुत्र मणिपुर का उत्तराधिकारी बनेगा। अर्जुन ने यह शर्त स्वीकार की। इस विवाह से बब्रुवाहन का जन्म हुआ, जिसने बाद में अश्वमेध यज्ञ के समय अर्जुन को पराजित किया। उस समय उलूपी ने नागमणि की सहायता से अर्जुन के प्राण बचाए।
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महाभारत में वेदव्यास ने अर्जुन की प्रमुख पत्नियों के रूप में द्रौपदी, सुभद्रा, उलूपी और चित्रांगदा का उल्लेख किया है। उर्वशी जैसी अप्सरा का प्रेम अर्जुन ने स्वीकार नहीं किया, जिसके कारण उन्हें शाप भी मिला। तमिल और इंडोनेशियाई लोककथाओं में अर्जुन की सात पत्नियों का वर्णन मिलता है, जिनमें द्रौपदी की बहन शिखंडी और अमेजन रानी आयली का नाम भी आता है। हालांकि शास्त्रीय रूप से अर्जुन की पाँच पत्नियाँ ही प्रमुख मानी जाती हैं।






