
Ramayan (Source. Pinterest)
Ramayan Se Jude Pavitra Sthal: अयोध्या में राम मंदिर के भव्य उद्घाटन के साथ ही देश-दुनिया में रामायण और प्रभु श्रीराम से जुड़ी आस्था एक बार फिर केंद्र में आ गई है। भगवान विष्णु के अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को साहस, धर्म, त्याग और सदाचार का प्रतीक माना जाता है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत ग्रंथ रामायण में प्रभु श्रीराम के सम्पूर्ण जीवन की कथा वर्णित है, जिसे करोड़ों हिंदू श्रद्धा के साथ मानते हैं। रामायण केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान भी है। आइए जानते हैं रामायण से जुड़े वे 10 प्रमुख धार्मिक स्थल, जहां भगवान राम ने अपने जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएं बिताईं।
प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या, जहां 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर का उद्घाटन हुआ। यही वह स्थान है जहां श्रीराम ने वनवास से पहले अपना जीवन बिताया। राम जन्मभूमि परिसर और इससे जुड़े कई तीर्थ स्थल यहां स्थित हैं।
जनकपुर में स्थित राम जानकी मंदिर माता सीता की जन्मभूमि है। यहीं भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था, जो रामायण की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है।
वनवास पर जाने से पहले भगवान राम, लक्ष्मण और सीता ने यहां संगम में स्नान किया था। यह स्थान कुंभ मेले के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है।
वनवास के दौरान भगवान राम, लक्ष्मण और सीता ने यहां करीब 11 वर्ष बिताए। पहाड़, झरने और गुफाएं आज भी उनके वनवासी जीवन की झलक दिखाती हैं।
यह विशाल वन क्षेत्र रामायण की कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा। यहीं प्रभु राम की हनुमान जी से मित्रता हुई। पंचवटी और शबरी आश्रम जैसे स्थल यहीं स्थित हैं।
यही वह पर्वत है जहां भगवान राम की पहली मुलाकात हनुमान जी से हुई थी। यहां से उन्हें वानर सेना का साथ मिला।
वानर राजा सुग्रीव का राज्य। पंपा सरोवर और अंजनेय हिल हनुमान जी के जन्म और राम के आगमन से जुड़े पवित्र स्थल हैं।
यहीं से भगवान राम ने लंका जाने के लिए सेतु का निर्माण किया और भगवान शिव की पूजा की। रामनाथस्वामी मंदिर यहां का प्रमुख तीर्थ है।
रावण की राजधानी, जहां भगवान राम ने माता सीता को मुक्त कराया। अशोक वाटिका और मुन्नेश्वरम मंदिर रामायण से जुड़े प्रमुख स्थल हैं।
वनवास के दौरान प्रभु राम यहां रहे और यहीं से माता सीता का हरण हुआ। राम कुंड और सीता गुफा यहां के प्रमुख तीर्थ स्थल हैं।
रामायण से जुड़े ये स्थल आज भी श्रद्धालुओं के लिए आस्था, इतिहास और संस्कृति का जीवंत प्रमाण हैं।






