
पौष अमावस्या की शाम इन स्थानों में जलाए दीप (सौ.सोशल मीडिया)
Paush Ki Amavasya Kab Hai: आज 19 दिसंबर को साल 2025 की आखिरी पौष अमावस्या मनाई जा रही है। सनातन धर्म में पौष अमावस्या की पावन तिथि पितरों को समर्पित है। मान्यता है कि इस तिथि पर पितर धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए तर्पण, दान और पूजा को स्वीकार करते हैं। बदले में वे परिवार को सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
मान्यता के अनुसार इस दिन पितरों के लिए किया गया तर्पण और पिंडदान करने से पितृ दोष खत्म होता है और पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है। साथ ही इस दिन किया गया स्नान और दान से भी कई लाभ मिलते हैं।
इसके अलावा, आज के दिन दीपदान करने की भी परंपरा है। मान्यता के अनुसार इस दिन दीपदान करने से पितर प्रसन्न होते है। ऐसा होते ही जिंदगी में आने वाली हर एक बाधा धीरे-धीरे खत्म होने लगती है। ऐसे में आज के दिन किन स्थानों में दीपदान करना चाहिए?
हिंदू धर्म में पौष अमावस्या को पितरों की तृप्ति और आत्मशुद्धि का विशेष दिन माना गया है। इस दिन संध्या समय दीपदान का अलग ही महत्व है।
आज की शाम पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जरूर जलाना चाहिए। कहा जाता है कि, पौष अमावस्या की शाम पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाने से पितरों को शांति मिलती है। मान्यता है कि इससे पितृ दोष कम होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
इसके अलावा, किसी नदी, तालाब या जल स्रोत के किनारे दीपदान करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। यह उपाय विशेष रूप से ग्रह दोष और मानसिक अशांति को शांत करने में सहायक माना गया है।
आज की शाम पीपल के पेड़ के अलावा, मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से घर में सकारात्मकता बनी रहती है और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
तुलसी के पास दीपदान करने से पारिवारिक सुख, स्वास्थ्य और मानसिक शांति में वृद्धि होती है।
कहते है पौष अमावस्या की शाम घर की दक्षिण दिशा में भी एक दीया जरूर जलाना चाहिए। कहा जाता है कि इस दिशा में रखा हुआ दीया यम देवता को समर्पित होता है।
आज के दिन काले रंग की चीजों का दान करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इस दिन विशेष रूप से काले रंग के कपड़े, काला तिल, कंबल, गुड़ और गरम कपड़ों का दान जरूर करना चाहिए।
इस बात का ध्यान हमेशा रखें कि दान करते वक्त मन में किसी भी तरह का अहंकार नहीं आना चाहिए। साथ ही जहां तक हो सके इस दान को गुप्त ही रखें। आज पीपल के पेड़ की पूजा को भी काफी शुभ माना जाता है।
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पीपल के पेड़ पर काला तिल जरूर चढ़ाना चाहिए। नियम के अनुसार पूजा के दौरान पीपल के पेड़ की 7 बार परिक्रमा जरूर करनी चाहिए।
कहा जाता है कि विधि-विधान और सच्चे मन से इस पूजा को कर लिया जाए तो पितरों को मोक्ष मिलता है।






