शकूर खान को 28 मई को पुलिस हिरासत में लिया गया था (फोटो- सोशल मीडिया)
जैसलमेर: राजस्थान के जैसलमेर से पकड़ा गया एक सरकारी कर्मचारी शकूर खान देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द बन गया है। नौकरी की आड़ में उसने पिछले 15 वर्षों में सात बार पाकिस्तान की यात्रा की और कुल 60 दिन वहां रुका। इस दौरान उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से संपर्क कर भारत की सामरिक जानकारियां साझा कीं। वह व्हाट्सऐप के जरिए संवेदनशील सूचनाएं भेजता था और पाकिस्तान दूतावास के अधिकारियों से सीधे संपर्क में था। उसकी गिरफ्तारी से सरकारी तंत्र के भीतर जासूसी की गंभीर आशंका ने फिर चिंता बढ़ा दी है।
शकूर का अतीत भी कई सवाल खड़े करता है। उसने साल 2000 में चपरासी के तौर पर सरकारी सेवा शुरू की थी और बाद में प्रमोशन पाकर प्रशासनिक पद तक पहुंचा। जांच एजेंसियां अब उसकी पदोन्नति की प्रक्रिया और विभागीय छुट्टियों की भी गहन जांच कर रही हैं। बताया गया है कि वह एक समय पर तत्कालीन मंत्री का पीए भी रह चुका है, जिससे उसके संपर्क और पहुंच पर भी नजर डाली जा रही है।
ISI से संपर्क, जानकारियां लीक करने का आरोप
शकूर खान की गतिविधियां लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों की नजर में थीं। फोन ट्रैकिंग और अन्य तरीकों से जब उसकी पड़ताल हुई तो सामने आया कि वह पाकिस्तान दूतावास में कार्यरत कुछ अधिकारियों से लगातार जुड़ा हुआ था। इन संपर्कों के जरिए वह व्हाट्सऐप से संवेदनशील जानकारियां भेजता था। उसके मोबाइल से कई पाकिस्तानी अधिकारियों के नंबर मिले हैं और कुछ चैट्स में उसने भारत के नागरिकों की जानकारी और लोकेशन तक साझा की थी।
किरोड़ी के छापों से सरकार में हलचल, क्या अपने ही मंत्रियों पर टारगेट कर रहे हैं कृषि मंत्री
रिमांड पर चल रही है पूछताछ, कई एजेंसियां कर रहीं पड़ताल
28 मई को शकूर को डिटेन किया गया था और अब वह 10 जून तक पुलिस रिमांड पर है। पांच से ज्यादा केंद्रीय और राज्य स्तरीय एजेंसियां उससे पूछताछ कर चुकी हैं। उसकी विदेश यात्राओं, बैंक खातों, संपत्तियों और जैसलमेर में लेनदेन की भी जांच की जा रही है। यह मामला अब शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत दर्ज है, जिसमें देश की सुरक्षा से खिलवाड़ के आरोप बेहद गंभीर माने जाते हैं।