राजस्थान पंचायत-निकाय उपचुनाव में BJP ने 36 में से 28 सीटें जीतीं (फोटो- सोशल मीडिया)
जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस के लिए सियासी संकट और गहराता जा रहा है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद अब पंचायत और नगर निकाय उपचुनावों में भी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। राज्य के 12 जिलों में हुए 36 सीटों के उपचुनाव में भाजपा ने 28 सीटें जीतकर कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। हैरानी की बात ये रही कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लक्ष्मणगढ़ विधायक के गढ़ में भी कांग्रेस प्रत्याशी हार गया। यह परिणाम राज्य की सत्ताधारी पार्टी के जनाधार में आई गिरावट का साफ संकेत दे रहा है।
इस शानदार जीत पर भाजपा ने इसे राज्य सरकार के विकास कार्यों की स्वीकृति बताया है। पार्टी ने दावा किया कि जनता ने कांग्रेस की आंतरिक कलह, कानून व्यवस्था में गिरावट और नकारात्मक राजनीति को नकार दिया है। वहीं भाजपा नेताओं ने कांग्रेस नेताओं पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जो नेता पूरे प्रदेश में भाषण देते हैं, वे अपने क्षेत्र में ही पार्टी को जीत नहीं दिला पाए, यह कांग्रेस की जमीनी हकीकत को उजागर करता है।
उपचुनाव में भाजपा का बढ़ता वर्चस्व
राजस्थान के पंचायत और नगर निकाय उपचुनावों में भाजपा ने मजबूत प्रदर्शन करते हुए कुल 36 में से 28 सीटों पर कब्जा जमाया। इनमें 27 पर भाजपा के प्रत्याशी और एक पर समर्थित उम्मीदवार जीते। भाजपा को अलवर, अजमेर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, बालोतरा, जयपुर, झुंझुनूं, करौली और सिरोही जैसे इलाकों में उल्लेखनीय बढ़त मिली है। इससे पहले भाजपा के पास 15 सीटें थीं जो अब लगभग दोगुनी हो चुकी हैं, जबकि कांग्रेस 15 में से केवल 4 सीटें ही बचा पाई।
डोटासरा के गढ़ में हार, कानून व्यवस्था पर सवाल
लक्ष्मणगढ़ जैसे परंपरागत कांग्रेस क्षेत्र में पार्टी की हार ने पार्टी के वरिष्ठ नेता की साख पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस अपने ही घर में असुरक्षित हो गई है। वहीं, हाल ही में हुए गुर्जर आंदोलन और ट्रेन रोकने की घटनाओं को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर कानून व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाया। पार्टी नेताओं ने दावा किया कि यह सब कांग्रेस के अंदर चल रही खींचतान और नेतृत्व संकट का परिणाम है, जिससे जनता का भरोसा लगातार उठता जा रहा है।