एम्स जोधपुर में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा
जोधपुर: राजस्थान में मेडिकल एडमिशन से जुड़ा एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां एक छात्र ने NEET परीक्षा में खुद की जगह डमी भेजकर एम्स जोधपुर में दाखिला लिया और पिछले पांच साल से मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था। पुलिस को यह जानकारी तब मिली जब उसके ही रिश्तेदार ने पूरे मामले की शिकायत हेल्पलाइन पर दर्ज करवाई। जांच में जैसे-जैसे परतें खुलीं, सच सामने आता गया। जब पुलिस उसे पकड़ने एम्स पहुंची तो छात्रों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन आखिरकार देर रात आरोपी को हिरासत में ले लिया गया।
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि डमी परीक्षार्थी खुद भी मेडिकल का छात्र है और भरतपुर के एक कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है। अब यह मामला केवल एक छात्र तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह मेडिकल प्रवेश प्रणाली में एक बड़ी चूक को उजागर कर रहा है। पुलिस इस पूरे रैकेट की गहनता से जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि ऐसे और कितने मामले सामने आ सकते हैं, और इसके पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं।
फर्जीवाड़े की परतें खुलीं, एडमिट कार्ड ने पकड़ा झूठ
पुलिस को यह इनपुट मिलने के बाद जांच शुरू की गई कि छात्र ने NEET परीक्षा 2020 में खुद नहीं दी थी। जांच में सामने आया कि एडमिट कार्ड पर जिस तस्वीर के साथ छात्र ने परीक्षा दी थी, वह तस्वीर संदीप गोरा की नहीं थी। पुष्टि होने के बाद जयपुर कमिश्नरेट और चोमू थाना पुलिस की टीम एम्स जोधपुर पहुंची। वहां काफी देर तक हंगामा हुआ, लेकिन अंत में छात्र को हिरासत में लिया गया।
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छात्रों का विरोध, रात में हुई गिरफ्तारी
जब पुलिस छात्र को पकड़ने एम्स परिसर में पहुंची, तो वहां मौजूद छात्रों ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि पहले नोटिस दिया जाना चाहिए था। बावजूद इसके पुलिस ने कार्यवाही जारी रखी और देर रात आरोपी छात्र को हिरासत में ले लिया। अब पुलिस डमी परीक्षार्थी से भी पूछताछ कर रही है जो कि खुद भी मेडिकल का छात्र है और एक अन्य कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है।