मामले की समीक्षा करते चिकित्सा मंत्री (फोटो- सोशल मीडिया)
जयपुर: इस वक्त राजस्थान की राजधानी से बड़ी खबर सामने आ रही है। जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल (SMS Hospital Jaipur) में लापरवाही के चलते एक गर्भवती महिला को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। जिसके बाद राजस्थान की राजधानी जयपुर के सरकारी सवाई मानसिंह अस्पताल में गर्भवती महिला को गलत ग्रुप का खून चढ़ाने के मामले की जांच पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति करेगी। इसके कारण पीड़िता की बाद में मौत हो गई थी। आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देश पर यह समिति बनाई गई है।
यह समिति इस प्रकरण में सभी पक्षों की निष्पक्षता पूर्वक जांच कर तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों एवं कार्मिकों पर राज्य सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। इस मामले में राजस्थान सरकार गंभीर नजर आ रही है। ये ही कारण है कि मंत्री खींवसर ने शनिवार को सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में एक उच्च स्तरीय बैठक में पूरे प्रकरण की समीक्षा की।
उन्होंने मामले में निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित करने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि टोंक जिले के निवाई से उपचार के लिए आई गर्भवती महिला नौ मई से सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती थी। उसका हीमोग्लोबिन स्तर कम होने के साथ ही ऑक्सीजन स्तर भी कम था। साथ ही, विभिन्न बीमारियों से ग्रसित होने के कारण उसकी स्थिति गंभीर थी।
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महिला की गंभीर स्थितियों के चलते वेंटीलेटर पर उसका प्रसव करवाया गया था। इस दौरान उसे गलत ग्रुप का खून चढ़ाने की बात सामने आई है। अस्पताल प्रशासन की ओर से गठित पांच सदस्यीय जांच समिति ने भी प्रथम दृष्टया गलत ग्रुप का खून चढ़ाए जाने की बात स्वीकार की है। खींवसर ने कहा कि अस्पताल द्वारा गठित समिति की जांच से पूरी तरह संतुष्ट नहीं होते हुए पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है।