कॉन्सेप्ट फोटो (Image- Social Media)
Jhalawar School Collapse: राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में एक जर्जर स्कूल की बिल्डिंग गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई हैं। 27 बच्चों के घायल हैं और मौतों का आंकड़ा अभी बढ़ भी सकता है। इस दर्दनाक घटना ने पूरे सिस्टम की पोल खोल दी है। अब इसम मामले में सामने आया है कि इस हादसे से 10 दिन पहले ही शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को मानसून से पहले स्कूल भवनों की जांच और मरम्मत के निर्देश दिए थे, लेकिन जिला प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इस मामले में जिला स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। नतीजा ये हुआ कि बारिश के बीच जर्जर स्कूल बिल्डिंग गिर गई और मासूम जिंदगियां मलबे में दफन हो गईं।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा विभाग ने 14 जुलाई 2025 को एक लेटर जारी किया था। इस लेटर में प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों को साफ निर्देश दिए थे:
शिक्षा विभाग द्वारा जारी लेटर (Image- Social Media)
सरकारी आदेश के बावजूद पीपलोदी के सरकारी स्कूल में इन आदेशों की खुलेआम अनदेखी की गई। स्थानीय लोगों की मानें तो स्कूल की बिल्डिंग पहले से ही बहुत खराब हालत में थी, लेकिन कोई निरीक्षण नहीं हुआ। हादसे के समय कक्षा 7वीं के 35 बच्चे उस क्लासरूम में पढ़ रहे थे, जब छत ढह गई।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस हादसे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि झालावाड़ के पीपलोदी में स्कूल की छत गिरने से हुआ दर्दनाक हादसा अत्यंत दुःखद और हृदयविदारक है। उन्होंने कहा कि घायल बच्चों के समुचित उपचार सुनिश्चित करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। ईश्वर दिवंगत दिव्य आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिजनों को ये अपार दुःख सहन करने की शक्ति दें।
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एक न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का किया हुआ पाप है। उन्होंने कांग्रेस पर दोष मढ़ते हुए कहा कि पिछले 5 सालों में कांग्रेस सरकार ने स्कूलों की देख-भाल नहीं की और कांग्रेस सरकार के दौरान स्कूल जर्जर हो गए थे, इनकी मरम्मत नहीं की गई। उन्होंने आगे कहा कि हम स्कूलों की चरणबद्ध तरीके से मरम्मत करवा रहे हैं, स्कूलों को पूरी तरह ठीक करेंगे।