अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख के उत्तराधिकारी सैयद नसरुद्दीन चिश्ती।
जयपुर : वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर संसद से सड़क तक हंगामा मचा हुआ है। बिल को लेकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों की ओर से विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। मुस्लिम संगठन भी मोदी सरकार के खिलाफ वक्फ बोर्ड में संशोधन को लेकर विरोध कर रहे हैं लेकिन इस बीच अजमेर शरीफ दरगाह के सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने भाजपा सरकार की इस पहल का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि वक्फ बोर्ड में संशोधन की जरूरत है। सरकार की ओर से उठाया जा रहा कदम सराहनीय है।
अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख के उत्तराधिकारी सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा है कि ईद के पाक मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश के 40 लाख मुस्लिम परिवारों को ईदी दी है। विधेयक में संशोधन की आवश्यकता अब जरूरी है। चिश्ती ने पीएम मोदी का आभार भी जताया है। यह देश गंगा-जमुनी तहजीब संस्कृति को आगे बढ़ता है। कल नवरात्रि और चेटीचंद का पर्व था और आज सब ईद मना रहे हैं।
वक्फ संशोधन बिल पर सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि मुस्लिम संगठन परेशान न हों। संशोधन बिल से ये मतलब नहीं कि हमारी संपत्तियों और मस्जिदों पर कब्जा किया जा रहा है या हमसे इनका अधिकार छीना जा रहा है। यह कहना गलत होगा। यह लोकतंत्र का हिस्सा है और सरकार भी कोई जल्दबाजी नहीं कर रही है। जेपीसी में बाकायदा चर्चा के बाद सरकार ये बिल ला रही है। संशोधन विधेयक को लेकर किसी प्रकार की गलत धारणा पालने की जरूरत नहीं है। मुझे यकीन है कि संशोधन के बाद वक्फ बोर्ड के कार्य में पारदर्शिता आएगी।
सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल यदि पास होता है तो मुस्लिम के लिए यह लाभकारी होगा। संशोधित बिल के बाद वक्फ की संपत्तियों को और सुरक्षा मिल सकेगी। अतिक्रमण को हटाया जाएगा जिससे वक्फ के किराये में इजाफा होगा। यह बोर्ड और कौम दोनों के लिए ही फायदेमंद होगा।
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वक्फ बिल को लेकर विपक्षी दलों और मुसलिम संगठनों की ओर से किए जा रहे विरोध पर सैयद चिश्ती ने कहा कि बिल को लेकर विरोध करना संगठनों और मुस्लिम पक्षों का लोकतांत्रिक अधिकार है। जिन्हें लग रहा है ये गलत है वे शांतिपूर्ण विरोध कर रहे तो करें ये उनका हक है।