नवजोत सिंह सिद्धू और भूपेश बघेल (फोटो सोर्स -सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: दिल्ली में पंजाब कांग्रेस की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, लेकिन इस बैठक में नवजोत सिंह सिद्धू नजर नहीं आए, जिससे कई राजनीतिक अटकलें लगाई जा रही हैं। बैठक के बाद पंजाब कांग्रेस के नए प्रभारी भूपेश बघेल ने कहा कि इस साल संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजाब में कांग्रेस मजबूत है और जल्द ही दूसरी बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी। जब सिद्धू की गैरमौजूदगी पर सवाल हुआ तो बघेल ने कहा कि मीटिंग की सूचना सभी को दी गई थी और कई अन्य नेता भी नहीं आ सके, इसलिए इसे लेकर ज्यादा अनुमान लगाने की जरूरत नहीं है। यह बयान स्पष्ट करता है कि कांग्रेस पंजाब में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए रणनीति बना रही है।
नवजोत सिंह सिद्धू की बैठक से अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, भूपेश बघेल ने इसे तूल न देने की बात कही। सिद्धू, जो 2017 में कांग्रेस में शामिल हुए थे और एक साल तक पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे, पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण चेहरा हैं। उनकी गैरमौजूदगी को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वह कांग्रेस की मौजूदा रणनीति से असंतुष्ट हैं या फिर कोई नई राजनीतिक योजना बना रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में ईडी की छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि जहां-जहां वह जाते हैं, वहां छापेमारी शुरू हो जाती है। उन्होंने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में अब तक सबसे ज्यादा छापे पड़े हैं और अब जब उन्होंने पंजाब का दौरा शुरू किया, तो वहां भी ऐसा ही हो रहा है।
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इसके अलावा, जब उनसे पूछा गया कि क्या AAP विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं, तो बघेल ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी में भगदड़ मची हुई है और वहां की नाव डूबने वाली है, बस यह देखना बाकी है कि यह कब तक टिकती है। इससे साफ है कि कांग्रेस, पंजाब में AAP की कमजोरी को भुनाने की कोशिश कर रही है।