सुखबीर सिंह बादल का हमलावर नारायण सिंह चौड़ा को जमानत
अमृतसर : आज अमृतसर की एक अदालत ने बीते साल दिसंबर में स्वर्ण मंदिर के गेट पर शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाने वाले नारायण सिंह चौरा को जमानत दे दी है।
बीते साल चार दिसंबर को बादल पर जानलेवा हमला करने का प्रयास करते समय पुलिसकर्मियों ने चौरा को काबू कर लिया था। घटना के तुरंत बाद 68 वर्षीय चौरा को गिरफ्तार कर लिया गया था और उसके खिलाफ हत्या के प्रयास व शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों समेत विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।
Narian Singh Chaura, who tried to assassinate Sukhbir Singh Badal, granted bail by the Amritsar district court. pic.twitter.com/z3TXvJn6mv
— Akashdeep Thind (@thind_akashdeep) March 25, 2025
वहीं मामले पर चौरा के वकील जसपाल सिंह मंजपुर ने कहा कि, चौरा को मंगलवार को अमृतसर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुमित घई ने जमानत दे दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा, “….चूंकि आवेदक 4.12.2024 से हिरासत में है और मुकदमे के निष्कर्ष में समय लगेगा, इसलिए, आरोपी/आवेदक को अनिश्चितकाल के लिए हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। लिहाजा, जमानत आवेदन स्वीकार करके आरोपी को जमानत दी जाती है…।”
#WATCH | Amritsar, Punjab | Advocate Baljinder Singh says, “…The additional sessions judge of the court has granted bail to Narain Singh Chaura (who fired at SAD leader Sukhbir Singh Badal on the 4th of December in the Golden Temple)…He (Narain Singh Chaura) is lodged in jail… pic.twitter.com/iI9wFn2Doa
— ANI (@ANI) March 25, 2025
🚨🚨 Sukhbir Singh Badal Escapes Gunfire Attack At Golden Temple
In a startling incident at the entrance of the Golden Temple in Amritsar, Shiromani Akali Dal (SAD) leader Sukhbir Singh Badal narrowly escaped a gunfire attack. #goldentemple #ShiromaniAkaliDal #sukhbirbadal pic.twitter.com/UNJrCIgGrJ
— preeti kaur (@preetikaur69) December 4, 2024
जानकारी दें कि, चौरा के बुधवार को रोपड़ जेल से रिहा होने की उम्मीद है। बादल को निशाना बनाकर किए गए हमले को मीडियाकर्मियों ने कैमरों में दर्ज कर लिया था। बादल उस समय पंजाब में 2007 से 2017 तक की गईं ‘‘गलतियों” के लिए धार्मिक प्रायश्चित के रूप में सिख धर्मस्थल के मुख्य द्वार पर ‘सेवादार’ के रूप में सेवा कर रहे थे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)