डीएमके, इलंगोवन, फोटो - सोशल मीडिया
चेन्नई : तमिलनाडु की राजनीति में इस समय एक नई हलचल मची हुई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने नयनार नागेन्द्रन को राज्य अध्यक्ष नियुक्त किया है, और इसी फैसले ने डेमोक्रेटिक पार्टी (DMK) के वरिष्ठ नेता टीकेएस इलंगोवन को चौंका दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या पार्टी ने अपने ही नियमों को नजरअंदाज कर दिया?
इलंगोवन ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, “मुझे समझ नहीं आ रहा कि ये कैसे हुआ। बीजेपी ने खुद एक सर्कुलर निकाला था कि पार्टी का अध्यक्ष वही बन सकता है जो कम से कम 10 साल से पार्टी का सदस्य हो। फिर अचानक नयनार नागेन्द्रन को अध्यक्ष बना दिया गया। शायद वो विधायक हैं, चुनाव जीते हैं, इसलिए पार्टी को लगा होगा कि उनमें नेतृत्व की क्षमता है।”
नयनार नागेन्द्रन की नियुक्ति पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और पूर्व अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने भी अपनी सहमति जताई है। अन्नामलाई ने न केवल इस फैसले का स्वागत किया, बल्कि यह भी कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हालिया दौरे के बाद एनडीए तमिलनाडु में पहले से अधिक मजबूत और सक्रिय हो गया है। उनका कहना है कि 2026 के विधानसभा चुनावों में DMK को सत्ता से बाहर कर एनडीए को लाना ही अब लक्ष्य है।
अन्नामलाई ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सम्माननीय केंद्रीय मंत्री और चुनाव प्रभारी किशन रेड्डी, पार्टी महासचिव तरुण चुग, राज्यसभा सांसद मुरुगन और समर्पित कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में सर्वसम्मति से नयनार नागेन्द्रन को राज्य अध्यक्ष चुना गया। उनका अनुभव और समर्पण पार्टी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।”
उधर DMK नेता इलंगोवन ने बीजेपी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि तमिलनाडु में DMK की जड़ें गहरी हैं और कोई भी ताकत पार्टी को यहां से हटाने में सफल नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, “हमने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन कोई हमें तमिलनाडु से उखाड़ नहीं पाया। इस बार भी चुनाव में DMK सरकार बनी रहेगी।”
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आपको बता दें कि DMK की स्थापना 1949 में सीएन अन्नादुरै ने की थी और तब से लेकर अब तक एम. करुणानिधि से लेकर वर्तमान मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन तक, इस पार्टी ने राज्य में गहरी पकड़ बनाए रखी है। अब जब नयनार नागेन्द्रन को नई जिम्मेदारी दी गई है, तो सवाल यह है कि क्या बीजेपी तमिलनाडु की राजनीतिक जमीन पर अपनी पकड़ मजबूत कर पाएगी या फिर DMK अपनी सत्ता को और भी मजबूत बनाएगी? 2026 का चुनाव तमिलनाडु की राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित होने वाला है।