फोटो सोर्स - एक्स जेडीयू
पटना : चुनाव बिहार में है लेकिन, चुनावी हलचल बिहार के साथ-साथ पूरे देश में हो रही है। प्रदेश की ज्यादातर पार्टियां, जातियों के अंक-गणित और समीकरणों को समझने में मथापच्ची कर रही हैं। डिजिटल युग के इस दौर में बिहार चुनाव में पॉलिटिकल पार्टियों द्वारा जमकर पॉलिटिकल साइबर वॉर चल रहा है। मतलब, डिजिटल और वर्चुअल दुनिया में भी इस सियासी कुरुक्षेत्र में लड़ाई छिड़ चुकी है।
सभी महारथी अपने अपने डिजिटल क्रिएटिविटी की हुनर दिका रहे हैं, जिसमें जेडीयू और बीजेपी एआई एनिमेटेड कार्टून और वीडियो के माध्यम से आरजेडी के शासन की पोल खोल रही है तो आरजेडी भी सुशासन को खटारा बताती नजर आ रही है।
इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार और रैलियां जब शुरू होंगी तब होंगी, लेकिन फिलहाल सोशल मीडिया बिहार चुनाव का कुरुक्षेत्र बन गया है। यहां एक से एक कार्टून बनाए जा रहे हैं और नई नई शब्दावली गढ़ी जा रही है।
सोशल मीडिया पर एक दूसरे को नसीहत दी जा रही है। इस वर्चुअल सियासी लड़ाई में हर महारथी के तीर के काट में बयानों के भी तीर छोड़े जा रहे हैं। भाजपा ने तो कई वीडियो और शॉट्स फिल्म बनाकर आरजेडी के पुराने शासनकाल जंगलराज की याद बार-बार जनता को दिला रही है।
नीतीश कुमार जी ‘ विकसित बिहार’ के संकल्पों के साथ मजबूती से खड़े हैं।
वहीं जंगलराज और परिवारवाद के पोषक उन्हें डिगाने पर अड़े हैं..
लेकिन उनकी कोशिशें कभी कामयाब नहीं होंगी।
बिहार आगे बढ़ रहा है और ‘सुशासन बाबू’ के नेतृत्व में बढ़ता ही रहेगा।#JDU #NitishKumar #Bihar… pic.twitter.com/baTpce9S7n
— Janata Dal (United) (@Jduonline) May 19, 2025
जो लालू यादव कभी कहा करते थे कि आईटी ये क्या है गोरे… आज उनकी पार्टी सबसे बड़े सोशल मीडिया के साइबर युद्ध में है। तीर के बदले तीर, गदा के बदले गदा, कार्टून के बदले कार्टून, वीडियो के बदले वीडियो, बयान के बदले बयान दिए जा रहे हैं।
गली-गली शोर है।
भ्रष्ट पुलिस-प्रशासन का जोर है।
नीतीश-भाजपा सरकार चोर है।#Corruption #Crime #Bihar pic.twitter.com/AGSsUAn3XQ— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) April 27, 2025
जातीय जनगणना पर सियासी तकरार, बिहार चुनाव 2025 में कौन बनेगा किंगमेकर?
आपको जानकारी के लिए बताते चलें कि जनवरी 2009 में जब नरेंद्र मोदी ने अपना ट्विटर अकाउंट खोला तो उस समय उनके विरोधी नीतीश कुमार ने उनका मजाक उड़ाया और कहा कि, आप क्या बात कर रहे हैं? नीतीश को तुरंत समझ में आ गया और उन्होंने अगले ही साल मई 2010 में अपना अकाउंट खोल लिया। आज उनकी पार्टी इस चुनाव में सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रूप से चीजों को हैंडल कर रही है।