पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, फोटो - नवभारत लाइव
नवभारत डिजिटल डेस्क : राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है, और इस बार केंद्र में हैं राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया। दरअसल, एक ट्वीट ने जयपुर से लेकर राजधानी दिल्ली तक के सियासी गलियारों को गर्म कर दिया है। वसुंधरा राजे ने अपने गृह क्षेत्र झालावाड़ में बढ़ते पेयजल संकट को लेकर तीखी टिप्पणी की, जिसका असर प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय तक महसूस किया गया।
बता दें, वसुंधरा राजे हाल ही में झालावाड़ के दौरे पर थीं। दौरे के वक्त स्थानीय लोगों ने उनसे पानी की किल्लत की शिकायत की। जनता की परेशानियों को गंभीरता से लेते हुए वसुंधरा ने अफसरों की लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की और सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर खुलकर अपनी बात रख दी। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि जब जनता पानी के लिए तड़प रही है, तब अधिकारी चैन की नींद सो रहे हैं।
उनका यह एक्स पोस्ट केवल एक शिकायत नहीं, बल्कि एक संदेश था, जिसका निशाना सीधा-सीधा मौजूदा मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की सरकार की ओर बताया जा रहा है। ट्वीट के कुछ ही घंटों में झालावाड़ जलदाय विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर को एपीओ (असिस्टेंट प्रॉसिक्यूशन ऑफिसर) कर दिया गया और दूसरे जिले से एक नए अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि वसुंधरा भले ही इस समय केवल विधायक और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हों, लेकिन उनकी पकड़ और प्रभाव आज भी कायम है। वे जनता से सीधे जुड़ती हैं और मुद्दों को बेबाकी से उठाने के लिए जानी जाती हैं।
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इस घटनाक्रम के बाद सीएम भजन लाल शर्मा ने भी पूरे झालावाड़ जिले में पेयजल व्यवस्था की समीक्षा के निर्देश दिए। लेकिन मामला यहीं नहीं रुका, कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वसुंधरा राजे पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें केवल झालावाड़ ही नहीं, पूरे राजस्थान की चिंता करनी चाहिए। उन्होंने ईआरसीपी प्रोजेक्ट पर भी सवाल उठाए और बीजेपी सरकार पर इस योजना को सीमित करने का आरोप लगाया।