राहुल गांधी और प्रियंका गांधी (सौजन्य सोशल मीडिया)
Priyanka Gandhi’s Wayanad Visit: सांसद और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का वायनाड दौरा कार्यकर्ताओं के बीच हलचल का कारण बन गया है। स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दौरे के आयोजन और उसके तरीकों को लेकर नाराजगी जताई है। जिसके बाद पार्टी के भीतर चल रहे आंतरिक विवादों और प्रियंका की गतिविधियों के प्रति स्थानीय नेताओं की उपेक्षा ने इस असंतोष को और बढ़ा दिया है।
प्रियांका गांधी 11 सितंबर से 22 सितंबर तक 12 दिनों का वायनाड दौरे हैं। खास बात यह है कि इस दौरान न तो भीड़भाड़ वाले कार्यक्रम हुए और न ही स्थानीय कांग्रेस इकाई उनकी गतिविधियों से जुड़ी दिखी। वहीं शुक्रवार को इस दौरे में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और नेता विपक्ष राहुल गांधी भी उनसे जुड़ गए।
वायनाड कांग्रेस इकाई हाल ही में गंभीर आंतरिक समस्याओं का सामना कर रही है, जिनमें पार्टी के पूर्व कोषाध्यक्ष एनएम विजयन और उनके बेटे की आत्महत्याएं शामिल हैं। इन घटनाओं के बावजूद प्रियंका गांधी ने इस संकट के प्रति कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है, जिससे कार्यकर्ताओं में निराशा और असंतोष फैल गया है।
प्रियंका गांधी की चुप्पी और उनके दौरे की गतिविधियां पार्टी के भीतर एकता की कमी और असंतोष को दर्शाती हैं। स्थानीय नेताओं का मानना है कि प्रियंका को पार्टी की आंतरिक समस्याओं पर अधिक ध्यान देना चाहिए और कार्यकर्ताओं के साथ संवाद बढ़ाना चाहिए। इस बारे में वायनाड जिला कांग्रेस प्रमुख एन डी अप्पाचन ने कहा, ‘हमें उनके कार्यक्रमों की जानकारी नहीं दी जाती। सब कुछ उनके दफ्तर से तय होता है। वह स्थानीय राजनीति में शामिल नहीं होना चाहतीं।’
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि, प्रियंका का यह दौरा समय के लिहाज से सही नहीं है, क्योंकि अभी विधानसभा का सत्र चल रहा है। वायनाड की सात विधानसभा सीटों में से पांच कांग्रेस नेतृत्व वाले यूडीएफ के पास हैं। विपक्ष के लिए यह सत्र सरकार पर दबाव बनाने का अवसर है, ऐसे में स्थानीय नेताओं का ध्यान वायनाड पर बंटना पार्टी के लिए असुविधाजनक माना जा रहा है।
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बताया जा रहा है कि, पिछले एक हफ्ते में प्रियंका ने कई धार्मिक नेताओं, लेखकों, भू-संरक्षक चेरुवायल रामन जैसे पद्मश्री विजेताओं और भूस्खलन पीड़ितों से मुलाकात की। इस दौरान प्रियंका ने सुल्तान बथेरी में एक आंगनबाड़ी का उद्घाटन किया और बच्चों के लिए खिलौने खरीदकर वहां पहुंचाए। इसके साथ ही गुरुवार को वे मुत्तिल स्थित वायनाड मुस्लिम ऑर्फनेज गईं, लेकिन कांग्रेस सहयोगी आईयूएमएल (IUML) को उनके कार्यक्रम की जानकारी नहीं दी गई।