पप्पू यादव, राहुल गांधी (फोटो-सोशल मीडिया)
Pappu Yadav News: पटना में राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही वोट अधिकार यात्रा गांधी मैदान में जनसभा के बाद समाप्त हो गई। बिहार की सियासत में वोट अधिकार यात्रा के समापन के अवसर यह रैली कई मायनों में ऐतिहासिक रही। राजधानी पटना में हर राजद, कांग्रेस और झंडे नजर आए। लाखों की भीड़ तेजस्वी और राहुल को सुनने आई थी। वहीं पूर्णिया सांसद पप्पू यादव को एक बार फिर मंच पर जगह नहीं मिली। वह मंच से दूर कुर्सी लगाकर बैठे थे। इस दौरान उनके चेहरे पर निराशा दिख रही थी।
हालांकि पूर्णिया सासंद ने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। शायद इसके पीछे की वजह राजद से मधुर होते रिश्ते हैं। वोट अधिकार यात्रा के मंच पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत महागठबंधन के बड़े नेता मौजूद थे, लेकिन पप्पू यादव को मंच पर चढ़ने की अनुमति नहीं मिली।
ऐसे में सांसद पप्पू यादव एक आम आदमी की तरह अपने समर्थकों के साथ सड़क पर कुर्सी पर नजर आए। गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है, जब पप्पू यादव को महागठबंधन के मंच से दूर रखने की कोशिश की गई। इससे पहले पटना में महागठबंधन का एक मार्च था, तब राहुल गांधी और तेजस्वी जिस खुली ट्रक पर सवार थे उसपर पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को नहीं चढ़ने दिया गया था। उस बार फिर काफी फजीहत हुई थी। क्योंकि पप्पू यादव एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने अकेले दम पर भाजपा और राजद को बिहार में लोकसभा का चुनाव हराया था।
बिहार की राजनीति को करीब से जानने वालों का मानना है कि महागठबंधन के मंच पर पप्पू और कन्हैया जैसे नेताओं को जगह न मिल पाने की वजह राजद है। कथित तौर पर तेजस्वी यादव भविष्य में खुद के लिए राजनीतिक राइवल नहीं चाहते हैं। इसलिए दोनों नेताओं को मंच पर जगह नहीं मिलती है। हालांकि हाल की बात करें तो पप्पू यादव और कन्हैया को लेकर कांग्रेस व राजद में सहमति बन गई है। वोट अधिकार यात्रा के दौरान पप्पू यादव लालू प्रसाद यादव का पैर छुते नजर आए थे। इतना ही नहीं उन्हें तेजस्वी के साथ भी देखा गया था।
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वोट अधिकार यात्रा जब पप्पू यादव के संसदीय क्षेत्र में पहुंची तो उन्हें मौका दिया गया था। उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के समर्थन में नारे लगाए। साथ ही तेजस्वी को जन नायक बताते हुए बिहार का भविष्य बताया था। वहीं कन्हैया कुमार राजद के रणनीतिकार संजय यादव के साथ नजर आए थे। इतना ही वोट अधिकार यात्रा के दौरान कई बार तेजस्वी मौजूदगी में कन्हैया कुमार को भाषण देने का भी मौका मिला था। कांग्रेस नेताओं और राजद नेताओं के बीच इस मेल मिलाप के बाद कयास लगाए गए की दूरियां अब खत्म हो गई हैं, लेकिन अभी चुनाव बाकी है। गांधी मैदान पप्पू यादव को देखकर लगा कि सियासत में परमानेंट कुछ भी नहीं होता है।