कैलाश पर्वत के साथ मिलाकर ये कुल 5 पर्वत है। हर पर्वत का अपना अलग महत्व है लेकिन एक बात सब में समान है कि ये आध्यात्मिकता और रहस्यवाद का केंद्र हैं। माना जाता है कि समय-समय पर भगवान शिव पंच कैलाश में निवास करते हैं।
कैलाश मानसरोवर यात्रा (सौ. सोशल मीडिया)
कैलाश पर्वत- कैलाश मानसरोवर की यात्रा का पहला पड़ाव कैलाश पर्वत होता है। यह वह पर्वत है जहां पर पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव निवास करते थे। कैलाश पर्वत तिब्बत में स्थित है और यहां जाने के लिए भारतीय श्रद्धालुओं को वीजा लेना पड़ता है क्योंकि यह स्थान चीन के अधिकार क्षेत्र में है। जहां पर आज भी भगवान शिव का वास माना जाता है। कहते हैं कि, कैलाश मानसरोवर झील के जल का पानी पीने से कई जन्मों के पाप धुलते है और पुण्य की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि कैलाश पर्वत स्वर्ग जाने का भी रास्ता है, हालांकि आज तक कोई भी इस पर्वत पर फतेह नहीं पा पाया। माना जाता है कि भगवान शिव के निवास कैलाश पर चढ़ने के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
आदि कैलाश - कैलाश मानसरोवर के पंच कैलाश में आदि कैलाश का नाम आता है। कहते हैं कि, इसे छोटा कैलाश के नाम से भी जाना जाता है। वहीं पर आदि कैलाश दरअसल उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में आता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आदि कैलाश पर बैठकर भगवान शिव ने योग-ध्यान का अभ्यास किया था। इसी स्थान पर भगवान शिव और पार्वती की बारात ने विश्राम भी किया था। इस कैलाश पर्वत में पार्वती झील भी स्थित है।
मणिमहेश कैलाश- कैलाश मानसरोवर के पांच कैलाश में इस कैलाश पर्वत का नाम आता है। जो हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में यह कैलाश पर्वत स्थित है। माना जाता है कि इस स्थान की रचना भगवान शिव ने माता पार्वती के लिए की थी। इस पर्वत की चोटी पर एक चट्टान को शिवलिंग यानि शिव जी का रूप माना जाता है। यहां पर भी भगवान शिव के तपस्या करने की बात शास्त्रों में कही गई है।
किन्नौर कैलाश-महाभारत में इस पवित्र स्थान का नाम मिलता है यानि कहते हैं कि, इस स्थान पर भगवान शिव सर्दियों में देवताओं की सभा का आयोजन करते थे। वहीं पर महावीर योद्धा अर्जुन को इस जगह पर ही पाशुपतास्त्र भगवान शिव से प्राप्त हुआ था। कहते हैं कि, यह एक प्रकार का दिव्य पर्वत है जहां पर शिवलिंग का रंग बार-बार बदलता रहता है। कभी-कभी इस पर्वत का रंग सूर्योदय पर सफेद, सूर्यास्त पर पीला और रात में इसका रंग काला हो जाता है। कई भक्त किन्नौर कैलाश की यात्रा हर साल करते हैं।
श्रीखंड कैलाश - कैलाश मानसरोवर के पांच कैलाश में श्रीखंड कैलाश का नाम सामने आता है जहां इस स्थान पर आपको दर्शन के लिए भगवान गणेश और कार्तिकेय की प्रतिमाएं मिलेगी। इस पर्वत को लेकर कहते हैं कि, श्रीखंड कैलाश की यात्रा सावन के महीने में शुरू होती है। रहस्य यहां पर छुपा है कि, भगवान शिव को लगाया गया भोग यहां स्थित गुफाओं में चला जाता है।