नागपुर मध्य रेलवे की स्थापना 15 जनवरी 1925 को ब्रिटिश शासन के तत्कालीन गवर्नर सर फ्रैंक ने की थी। आज करोड़ों का मूल्य रखने वाले श्रेत्र करीब 30 एकड़ की जमीन को खैरागड़ के राजा ने ब्रिटिश सरकार को मात्र 1 रुपए में बेची थी। इस ऐतिहासिक इमारत के लिए सावनेर से बलुआ पत्थर लाये गये थे। बता दें कि नागपुर मध्य रेलवे ने आज 100वें पूरे किए है।
वर्ष 2000 से नागपुर मध्य रेलवे की प्लेटफॉर्म से रवाना होने वाली ट्रेनें बढ़ा दी गईं। पिछले 100 वर्षों में छापे जाने वाली आरक्षण टिकट से लेकर अब कम्प्यूटरीकृत टिकट काउंटर शुरू हो गया है। किसी समय मात्र 1 रुपये में मिली जमीन पर आज 489 करोड़ की लागत से विश्व स्तरीय स्टेशन तैयार हो रहा है।
अजनी स्टेशन
पहले 7 ही प्लेटफॉर्म थे लेकिन भविष्य में ट्रेनों और यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पूर्वी भाग में 8वां प्लेटफॉर्म तैयार किया गया। यह देश का पहला कार टू कोच सर्विस वाला एक स्पेशल प्लेटफॉर्म है जहां यात्री अपनी कार से सीधे प्लेटफॉर्म तक पहुंच सकते हैं। यहां आये यात्रियों की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए प्रीपेड ऑटो बूथ, 268 हाई डेफिनेशन सीसीटीवी कैमरों की शानदार आरपीएफ यूनिट, रेलवे सुरक्षा बल का 150 से अधिक सुरक्षाकर्मियों का स्टाफ, लोहमार्ग पुलिस में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की नियुक्ति से रेल संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा पहले के मुकाबले पुख्ता हुई।
नागपुर शहर को सीधे मुंबई से जोड़ने के लिए अपनी ट्रेन की मांग की गई थी। जिसके लिए आंदोलन को किया गया। रेल मंत्रालय से फीर ट्रेन 12106/05 नागपुर-मुंबई-नागपुर विदर्भ एक्सप्रेस की सौगात मिली। यह पहली ट्रेन थी जिसने शहरवासियों को थोड़ी आसानी से राज्य की राजधानी मुंबई से जोड़ा। इसके बाद सेवाग्राम के अलावा दुरांतो जैसी प्रीमियम ट्रेनें भी मिलीं। पिछले 25 वर्षों में देश के विभिन्न शहरों को जोड़ने वाली ट्रेनों की बाढ़ सी आ गई। आज यहां से मुंबई और पुणे के अलावा अहमदाबाद, जयपुर, जबलपुर, शहडोल, सिकंदराबाद जैसे प्रमुख शहरों के लिए ट्रेनें परिचालित हो रही हैं।
बता दें कि 11 दिसंबर 2022 को नागपुर-बिलासपुर वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहा अपनी उपस्थिती दर्शाई। पहली बार देश के किसी प्रधानमंत्री के स्वागत का अवसर नागपुर स्टेशव को मिला। गर्व की बात है कि देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन (छठवां संस्करण) बिलासपुर वंदे भारत के तौर पर यहा से रवाना की गई। इसके बाद इस वर्ष सितंबर में नागपुर-सिकंदराबाद-नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस का भी उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये भी उद्घाटन किया।
वर्तमान में नागपुर रेलवे स्टेशन पर 8 प्लेटफार्म बने हुए हैं। जिस पर चारों दिशाओं आने-जाने वाली गाडिय़ां रुकती हैं। 100 वर्ष में तेजी से विकास के बाद आज परिसर में यात्रियों के लिए कंप्यूटरीकृत आरक्षण प्रणाली और अनारक्षित टिकट प्रणाली, एसी प्रतीक्षालय, विश्रामालय, स्क्लेटर, बेस किचन, पार्किंग की व्यवस्था आदि सुविधाएं उपलब्ध हैं।
रेल भूमि विकास प्राधिकरण (RLDA) महाराष्ट्र में नागपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। 487.77 करोड़ रुपये की लागत से मध्य रेलवे के नागपुर डिवीजन के सहयोग से किए जा रहे व्यापक पुनर्विकास का उद्देश्य अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन का निर्माण करके बुनियादी ढांचे को बढ़ाना है और साथ ही हेरिटेज स्टेशन भवन की महिमा को संरक्षित करना है, जिससे यात्रियों के लिए एक सहज और आरामदायक अनुभव पैदा हो।