Nag Panchami Ujjain Temple: नाग पंचमी की पूजा वैसे तो कई जगहों पर लेकिन देश में कई प्रसिद्ध नाग मंदिर स्थित है जहां पर नाग देव की पूजा का महत्व होता है। मध्यप्रदेश के उज्जैन में एक मंदिर स्थित है जो साल में एक बार ही खुलता है।
उज्जैन का प्रसिद्ध नाग चंद्रेश्वर मंदिर (सौ.सोशल मीडिया)
Nag Panchami 2025: आज देशभर में नाग पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। इस मौके पर भगवान शिव के परम भक्त नाग देवता की पूजा की जाती है। नाग पंचमी की पूजा वैसे तो कई जगहों पर लेकिन देश में कई प्रसिद्ध नाग मंदिर स्थित है जहां पर नाग देव की पूजा का महत्व होता है। मध्यप्रदेश के उज्जैन में एक मंदिर स्थित है जो साल में एक बार ही खुलता है।
उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। जहां पर दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते है। सावन के महीने में यहां पर सावन सोमवार की पूजा का महत्व होता है। वहीं पर नागपंचमी के मौके पर भक्त नागचंद्रेश्वर मंदिर के दर्शन के लिए आते है।
यह नागचंद्रेश्वर मंदिर साल में एक बार नाग पंचमी पर खुलता है। यह मंदिर महाकाल गर्भगृह के ऊपरी तल पर स्थित है। दरअसल महाकाल मंदिर तीन तलों पर बना हुआ है। सबसे नीचे महाकाल ज्योतिर्लिंग स्थित है। इसके ऊपर ओमकारेश्वर है और सबसे ऊपर नागचंद्रेश्वर स्थित है। यह मंदिर दर्शन के लिए 24 घंटे के लिए खुलता है।
आज नागपंचमी से पहले उज्जैन के इस नाग चंद्रेश्वर मंदिर में 28 जुलाई, सोमवार की रात 12 बजे नाग पंचमी पर्व शुरू होते ही नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खोले गए। सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत विनीत गिरी महाराज ने पूजन किया। एक अनुमान के मुताबिक सुबह 9 बजे तक 90 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। एक साल में खुलने की वजह से यहां पर दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगती है।
बताते चलें, भगवान नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा बहुत ही अद्भुत है। इस प्रतिमा में भगवान शिव देवी पार्वती के साथ शेषनाग पर विराजित हैं। ये प्रतिमा नेपाल से सिंधिया राजवंश द्वारा यहां स्थापित की गई थी।
इस मंदिर को लेकर एक मान्यता प्रसिद्ध है। इस मान्यता के अनुसार, नागचंद्रेश्वर मंदिर स्थान पर कर्कोटक नाग ने तपस्या की थी। महादेव ने उसे यहीं रहने का वरदान दिया था। तब से उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में ही कर्कोटक नाग गुप्त रूप से निवास करता है।