नेशनल नाम दिवस सात राज्यों के समाज में एक प्रथा के तौर पर मनाया जाता है। यह एक वार्षिक उत्सव है जो किसी व्यक्ति के नामकरण की याद दिलाता है और उसकी आयु की गणना करता है।
नेशनल नाम दिवस 2025 (सौ. सोशल मीडिया)
National name yourself day 2025: नेशनल नाम दिवस सात राज्यों के समाज में एक प्रथा के तौर पर मनाया जाता है। यह एक वार्षिक उत्सव है जो किसी व्यक्ति के नामकरण की याद दिलाता है और उसकी आयु की गणना करता है। चलिए जानते है इस दिवस की खासियत...
जैसा कि, सभी जानते हैं कि, बच्चों का नाम उसी दिन रखा जाता है जिस दिन वे पैदा होते हैं। लोग अपने नाम दिवस पर दोस्तों और परिवार से उपहार प्राप्त करते हैं। यह अनिवार्य रूप से वही है जिसे हम अब जन्मदिन कहते हैं।
इस दिन को लेकर कहा जाता है कि, जन्म के दिन हमें अपने माता-पिता से जो नाम मिलता है वह हमारी लिए किसी संपत्ति से कम नहीं होती है। यह हमें दूसरों से अलग करता है, और यह हमारे व्यक्तित्व और व्यक्तित्व को आकार देता है। कई संस्कृतियाँ और देश हर साल किसी व्यक्ति के नाम पर विशेष 'नाम दिवस' मनाते हैं।
कई यूरोपीय और लैटिन अमेरिकी देश हर साल नाम दिवस मनाते हैं। इस दिन को मनाने की परंपरा मध्य युग से चली आ रही है, खासकर कैथोलिक और रूढ़िवादी देशों में और आज भी जारी है।
यहां पर इस दिवस को लेकर यह भी कहते है कि, नाम दिवस किसी मौसम या वर्ष के समय से जुड़े हो सकते हैं। इसका एक उदाहरण पाम संडे है, जो फूलों, जड़ी-बूटियों और पौधों से जुड़े नामों वाले लोगों के लिए मनाया जाने वाला नाम दिवस है।
इतना माना जाता है कि, नाम दिवस के साथ कई अलग-अलग परंपराएँ जुड़ी हुई हैं। हालाँकि, रीति-रिवाज़ों से कोई फ़र्क नहीं पड़ता, यह व्यक्ति को बधाई देने और छोटे-छोटे उपहार देकर जश्न मनाने का समय है।