भगवान श्रीगणेश का आगमन 7 सितंबर से जहां पर होने जा रहा हैं वहीं पर हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है यह त्योहार दस दिनों तक यानि अनंत चतुर्दशी के दिन तक चलता रहता है। इस मौके पर गणेश प्रतिमाएं बनाने को लेकर कई गाइडलाइन सरकार द्वारा दी जाती है। वहीं पर कई जगहों पर नए तरीके से गणेशजी की प्रतिमाएं तैयार की जाती हैं इसमें ही आज हम आपको इन खास प्रतिमाओं के बारे में बताएंगे जो बेहद खास है।
ईको फ्रेंडली गणपति (सौ.सोशल मीडिया)
भगवान श्रीगणेश का आगमन 7 सितंबर से जहां पर होने जा रहा हैं वहीं पर हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है यह त्योहार दस दिनों तक यानि अनंत चतुर्दशी के दिन तक चलता रहता है। इस मौके पर गणेश प्रतिमाएं बनाने को लेकर कई गाइडलाइन सरकार द्वारा दी जाती है। वहीं पर कई जगहों पर नए तरीके से गणेशजी की प्रतिमाएं तैयार की जाती हैं इसमें ही आज हम आपको इन खास प्रतिमाओं के बारे में बताएंगे जो बेहद खास है।
1- चॉकलेट और अनाज से बनी 'बप्पा' की मूर्ति- मुंबई में डिजाइनर रिंटू राठौड़ ने चॉकलेट, नौ प्रकार के मोटे अनाज व अन्य सामग्री से भगवान गणेश की दो फुट की सुंदर मूर्ति बनाई थी। जहां पर 40 किलों वजन की मूर्ति बनाने में उन्हें 20 घंटे लगे हैं। इस मूर्ति को दूध में विसर्जित किया गया और लोगों में इसका प्रसाद बांटा गया।
2- पेपर की 22 फीट की गणेश प्रतिमा- मुंबई के प्रभादेवी इलाके में इस साल गणेश मंडल ने बप्पा की 22 फीट की मूर्ति को पेपर और कार्डबोर्ड की मदद से बनाया गया है। इस मंडल का नाम एलफिन्स्टनचा राजा है। इस मूर्ति को समुद्र में शेषनाग के ऊपर बप्पा को स्थापित किया गया है। इसको बनाने में 3 महीने का समय लग जाता हैं।
3-सूखे बेर से बनाई गणेश प्रतिमा- मध्य प्रदेश के सागर जिले के बीना में 71 साल के अशोक साहू ने 50 किलो सूखे बेर से गणपति बप्पा की 6 फीट की प्रतिमा तैयार कर मंदिर में विराजमान की है।इसे बनाने में 2 महीने का समय लगा तो वहीं पर इसके पहले कारीगर मूंगफली, नमकीन, बूंदी और दाल की भी प्रतिमाएं बना चुके हैं।
4-चॉक से बनाई गणेश जी की प्रतिमा - छत्तीसगढ़ के एक मूर्तिकार ने इस बार पेंसिल-इरेजर-शार्पनर से निर्मित 8 फीट की गणेश भगवान की मूर्ति बनाई है। गणपति बप्पा की इस खास मूर्ति को बनाने में 400 पेंसिल, 1500 चॉक, 200 शार्पनर लगे हैं। 6 महीने पहले से गणेश प्रतिमा बनाना शुरु किया था।
5-गाय के गोबर और गोमूत्र से बनीं प्रतिमा- मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में गाय के गोबर और गौमूत्र से गणेशजी की प्रतिमा बनाई गई।गोबर में मां लक्ष्मी का प्रतिरूप माना जाता है।बिना किसी खर्च के लगभग 5 फ़ीट ऊंची और 51 किलो से ज्यादा वजनी यह मूर्ति मात्र 7 दिन में बनकर तैयार हुई है।
6-नारियल से बनाई गणेशजी की प्रतिमा- महाराष्ट्र के नागपुर में एक मूर्तिकार ने नारियल से भगवान गणेश की मूर्ति बना दी है। इसके लिए मूर्तिकार को 3000 नारियल का इस्तेमाल किया गया। यह मूर्ति परली वैजनाथ के मंदिर ट्रस्ट द्वारा बनवाया गया है। इस मूर्ति को बनाने में कम से कम 20 दिनों तक मूर्तिकारों को 24 घंटे काम करना पड़ा है। इस मूर्ति की लंबाई 12 फीट और चौड़ाई 10 फीट है।