सांक्तिक तस्वीर (Image- Social Media)
Odisha News: ओडिशा के गजपति से एक शर्मनाक घटना सामने आई है, यहां एक सरकारी कार्यालय में काम कर रहे चपरासी ने जूनियर इंजीनियर को पानी की जगह कथित रूप से पेशाब दे दिया। इसके बाद अब चपरासी को गिरफ्तार कर लिया गया है। ये मामला न सिर्फ राज्य प्रशासन को हिला कर रख दिया है, बल्कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) तक भी पहुंच गया है।
ये घटना गजपति जिले के ग्रामीण जल आपूर्ति एवं स्वच्छता (RWSS) कार्यालय की है। यहां 22 जुलाई को नियुक्त हुए जूनियर इंजीनियर सचिन गौड़ा का कहना है कि 23 जुलाई की रात खाने के बाद जब उन्होंने चपरासी से पानी मांगा, तो उनको एक स्टील की बोतल में कथित तौर पर पेशाब लाकर दे दिया। इंजीनियर के मुताबिक, पानी पीने के बाद उनको असहजता महसूस हुई और संदेह हुआ कि वो सामान्य पानी नहीं था।
इसी शक को लेकर दो अन्य स्टाफ ने भी उस का स्वाद लिया और उन्होंने भी उसमें कुछ गलत होने की पुष्टि की। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद बोतल में मौजूद सैंपल को लैब में जांच के लिए भेज दिया गया। पहली रिपोर्ट में 2.0 पीपीएम अमोनिया की मौजूदगी पाई गई, जिससे इसमें पेशाब होने की आशंका गहरा गई। जांच की पुष्टि के लिए लिक्विड का एक दूसरा सैंपल पारालाखेमुंडी स्थित लैब को भेजा गया है।
इस घटना के बाद बीमार हुए इंजीनियर गौड़ा को ब्रह्मपुर स्थित MKCG मेडिकल कॉलेज तथा अस्पताल में भर्ती कराया गया, यहां उनका इलाज चल रहा है। ठीक होने के बाद उन्होंने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद आरोपी चपरासी सिबा नारायण नायक को आर. उदयगिरि पुलिस ने अरेस्ट कर लिया।
इंजीनियर ने कहा कि मैंने जब पानी मांगा, तो सिबा एक्वागार्ड से बोतल लाया और मुझे दे दिया। उसे पीने के बाद मुझे घबराहट महसूस हुई और दो अन्य सहयोगियों ने भी उसे चखा, उन्हें भी कुछ गड़बड़ लगी।
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आरोपी सिबा ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है। आरोपी का कहना है कि मैंने खाना के साथ पानी दिया था। मुझे नहीं पता कि बीच में क्या हुआ। मैंने कुछ गलत नहीं किया है और सबकुछ भगवान पर छोड़ दिया है।