मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, फोटो - मीडिया गैलरी
भुवनेश्वर : ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोमवार, 24 मार्च को विधानसभा में एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पिछले पांच साल में राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार करने वाले 120 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया और 39 अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट दे दिया। यह बात उन्होंने बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक ध्रुव चरण साहू के सवाल के जवाब में कही। जवाब लिखित रूप में दिया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2020 से 2024 के बीच भ्रष्टाचार और अपनी कमाई से ज्यादा संपत्ति जमा करने के आरोप में 120 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया। इसके अलावा, 39 अन्य अधिकारियों को उनकी गलत हरकतों की वजह से समय से पहले रिटायर कर दिया गया। माझी ने यह भी बताया कि सरकार ने इन लोगों की 59.47 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली। यानी जो संपत्ति उन्होंने गलत तरीके से बनाई थी, उसे सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया।
उन्होंने साल-दर-साल का ब्योरा भी दिया। 2023 में 31 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया, 2024 में 30, 2020 में 27 और 2021 व 2022 में 16-16 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया। वहीं, जबरन रिटायरमेंट की बात करें तो 2021 में 23 अधिकारियों को, 2022 में 13 को और 2020, 2023 व 2024 में एक-एक अधिकारी को समय से पहले रिटायर किया गया।
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इससे साफ है कि ओडिशा सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री का कहना है कि जो लोग गलत तरीके से पैसे कमाते हैं या सरकारी नौकरी का गलत इस्तेमाल करते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। इन कर्मचारियों और अधिकारियों को निकालने और उनकी संपत्ति जब्त करने से सरकार ने यह संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पिछले पांच साल का यह आंकड़ा बताता है कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की कोशिश लगातार चल रही है और आगे भी ऐसी कार्रवाइयां हो सकती हैं।
– भाषा इनपुट के साथ।