मणिपुर हिंसा (सोर्स-सोशल मीडिया)
इंफाल: मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा उग्र हो गई है। सरकार ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को देखते हुए 5 दिनों के लिए इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है। सरकार ने आशंका जताई है कि कुछ असामाजिक तत्व नफरत भरे संदेश और तस्वीरें फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति और खराब हो सकती है।
राज्य सरकार ने सभी स्कूल और कॉलेजों को बंद करने का भी आदेश जारी किया है। गृह विभाग की ओर से मंगलवार को जारी एक आदेश में कहा गया है कि सोशल मीडिया और मैसेजिंग सेवाओं के जरिए भड़काऊ सामग्री और झूठी अफवाहों के कारण सार्वजनिक शांति और सामुदायिक सद्भाव को खतरा हो सकता है।
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इस स्थिति को देखते हुए असामाजिक तत्वों की गतिविधियों को रोकने और शांति बनाए रखने के लिए 10 सितंबर को दोपहर 3 बजे से 15 सितंबर को दोपहर 3 बजे तक इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं बंद रखने का आदेश दिया गया है। यह आदेश उन मामलों को छोड़कर लागू होगा, जिनके लिए राज्य सरकार ने छूट दी है।
मणिपुर सरकार ने राज्य के सभी कॉलेज और स्कूल गुरुवार तक बंद रखने का आदेश दिया है। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने मंगलवार को आदेश जारी कर कहा कि छात्र आंदोलन और सरकार से बाहरी हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के चलते कॉलेज और स्कूल बंद रहेंगे।
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8 सितंबर के सरकारी आदेश के तहत बुधवार से गुरुवार तक सभी सरकारी और निजी कॉलेज बंद घोषित किए गए हैं। इसी दिन शिक्षा विभाग ने भी स्कूलों के बंद रहने की अवधि गुरुवार तक बढ़ा दी है। बढ़ती हिंसा को देखते हुए शनिवार से स्कूल बंद कर दिए गए थे।
मणिपुर में हिंसा भड़के हुए लगभग एक साल से भी ज्यादा का वक्त बीत चुका है। 3 मई 2023 को यहां मैतेई समुदाय की अुनुसूचित जाति के दर्जे की मांग के विरोध में कुकी समुदाय ने मार्च निकाला था। जिसके बाद हिंसा शुरू हो गई। देखते ही देखते यह हिंसा पूरे प्रदेश में फैली और सैकड़ों ज़िंदगियां निगल गई। जानकारी के लिए बता दें कि मणिपुर में मैतेई समुदाय की जनसंख्या करीब 53 प्रतिशत है। जबकि 40 फीसदी के करीब कुकी आबादी भी यहां निवास करती है।