प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो: सोशल मीडिया
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दिलखोश ग्रांट के मोइनाथोल गांव का रहने वाला थांगलिएनलाल हमार उर्फ बोया को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी एक सुनियोजित ऑपरेशन के तहत की गई जिसमें हमार की इस जघन्य अपराध में कथित संलिप्तता सामने आई थी।
एनआईए की ओर से की गई शुरुआती जांच में सामने आया कि हमार ने इस हत्याकांड को अंजाम देने में लॉजिस्टिक सहायता दी थी। अधिकारियों के अनुसार उसने हमलावरों और पीड़ितों को नदी पार कराने के लिए नाव की व्यवस्था की थी।
जांच से यह भी स्पष्ट हुआ है कि हमार ने तीन सशस्त्र हमलावरों (जो सेना की वर्दी में थे) के साथ तीन महिलाओं और तीन बच्चों को जैकुराधार घाट से कैसलपुंजी घाट तक नाव से पहुंचाया था। इसके बाद इन सभी की बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह वारदात मणिपुर के जिरीबाम जिले में हुई थी, जिसने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया। इस घटना में एक शिशु भी मारा गया था, जिससे पूरे इलाके में तनाव और आक्रोश और अधिक बढ़ गया।
इस हत्याकांड के बाद मणिपुर में पहले से मौजूद जातीय तनाव और अधिक गहरा गया, विशेषकर मैतेई और कुकी समुदायों के बीच। इसी पृष्ठभूमि में एनआईए और स्थानीय पुलिस ने मिलकर हमार को पकड़ने के लिए कई छापेमारी अभियान चलाए।
इस कार्रवाई के साथ-साथ मणिपुर में सुरक्षा बलों ने बुधवार को तीन अलग-अलग प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA), कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (KCP), और प्रेपाक (प्रो) के चार सदस्यों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया। यह लोग इंफाल, बिश्णुपुर और थौबल जिलों में जबरन उगाही और लोगों को डराने-धमकाने के आरोप में पकड़े गए।
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इसके साथ ही एक और विशेष अभियान में सुरक्षा बलों को भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक भी मिले। कुल 26 हथियारों और 9 विस्फोटकों की बरामदगी से ये संकेत मिलता है कि क्षेत्र में हिंसा और अशांति फैलाने की बड़ी साजिशें चल रही थीं। आपको बता दें कि मणिपुर में मई 2023 से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जारी जातीय संघर्ष में अब तक 260 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। राज्य की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था।