प्रतीकात्मक तस्वीर- (मणिपुर पुलिस)
इंफालः मेईती संगठन ‘सीओसीओएमआई’ ने पत्रकारों से भरी एक सरकारी बस पर लिखे राज्य का नाम हटाने के विरोध में बुधवार शाम को मणिपुर में मध्य रात्रि से 48 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया। मेईती संगठन ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से माफी मांगने और तीन शीर्ष अधिकारियों के इस्तीफे की मांग की।
आरोप है कि सुरक्षा बल ने मंगलवार को उस बस को रोका था, जिसमें राज्य सरकार पत्रकारों को ‘शिरुई लिली’ पर्यटन महोत्सव ‘कवर’ करने के लिए ले जा रही थी।
सुरक्षा बल ने सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय (डीआईपीआर) के कर्मचारियों को बस के शीशे पर लिखे ‘मणिपुर राज्य परिवहन’ में राज्य के नाम को सफेद कागज से ढंकने के लिए मजबूर किया था। इंफाल से लगभग 25 किलोमीटर दूर ग्वालताबी में हुई इस घटना की निंदा करते हुए ‘कोर्डिनेटिंग कमिटी ऑन मणिपुर इंटिग्रिटी (सीओसीओएमआई)’ के संयोजक खुरैजम अथौबा ने सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव सिंह और मुख्य सचिव प्रशांत कुमार सिंह के इस्तीफे के अलावा राज्यपाल से माफी की भी मांग की।
संगठन की तरफ से कहा गया कि राज्य की बस से मणिपुर शब्द को हटाने का फैसला मणिपुर विरोधी है, यह मणिपुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को भी चुनौती देता है। उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुर के लोग यह जानना चाहते हैं कि किसके निर्देश पर यह फैसला किया गया। इसे 48 घंटे के भीतर जनता के सामने स्पष्ट किया जाना चाहिए। अथौबा ने कहा कि इस घटना ने मणिपुर के सम्मान को कमतर कर दिया है।
अथौबा ने कहा कि मणिपुर की पहचान के प्रति इस तरह के गैरजिम्मेदाराना फैसले ने हमें आज आधी रात से पूरे राज्य में 48 घंटे की आम हड़ताल का आह्वान करने पर मजबूर कर दिया है। इस दौरान राज्यपाल को माफी मांगनी चाहिए और तीनों अधिकारियों को इस्तीफा देना चाहिए। अथौबा ने आरोप लगाया कि ‘शिरुई लिली’ उत्सव में भाग लेने वाले मेईती को जान से मारने की धमकियों पर कार्रवाई करने के बजाय सरकार मणिपुर की विरासत के साथ समझौता करने की कोशिश कर रही है।