शिवाजी गणेशन (सौजन्य : सोशल मीडिया)
मुंबई: शिवाजी गणेशन का जन्म 1 अक्टूबर 1928 को भारत के तमिलनाडु के दक्षिणपूर्वी राज्य के एक शहर विल्लुपुरम में हुआ था। शिवाजी गणेशन की आज बर्थ एनिवर्सरी है। शिवाजी गणेशन जब 7 साल के थे तो उन्होंने एक नाटक देखा था। इसके बाद से उन्हें एक्टिंग से प्यार हो गया। उन्होंने तभी फैसला कर लिया था कि वह नाटकों में काम करेंगे। हालांकि, घर वालों को यह मंजूर नहीं था।
शिवाजी गणेशन के पिता ने उन्हें साफ-साफ कहे दिया था कि वह कोई भी नाटक-पाठक में काम नहीं कर सकते हैं। अपने मन से यह ख्याल हटा ले। लेकिन शिवाजी भी जिद पर अड़ गए थे। कुछ समय तक उन्होंने अपने माता-पिता को मनाने की कोशिश की। जब एक्टर को लगा वह नहीं मानेगे, तो उन्होंने अपनी लाइफ का बड़ा फैसला ले लिया। शिवाजी ने 10 साल की उम्र में ही अपना घर छोड़ दिया।
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शिवाजी गणेशन ने घर छोड़ने के बाद एक थिएटर ग्रुप में जाकर शामिल हो गए। यहां उन्होंने बाल और महिला भूमिकाएँ निभाना प्रारंभ किया और फिर शने-शने मुख्य भूमिकाएं के तरफ अग्रसर होते चले गए । साल 1945 में, गणेशन ने 17 वीं शताब्दी के महान भारतीय मराठा राजा शिवाजी को अपने नाटकीय शास्त्र में मंचन किया और सभी गणेशन की इस अभिनय प्रतिभा को देखकर नतमस्तक हो गए, उस दिन गणेशन को ‘शिवाजी गणेशन’ के नाम से भी पहचाना जाने लगा।
शिवाजी ने साल 1952 की फिल्म पराशक्ति में अपनी ऑन-स्क्रीन अभिनय की शुरुआत की, जो लगभग पांच दशक के सिनेमाई करियर में फैली उनकी 300 से अधिक फिल्मों में से पहली चलचित्र थी। तमिल भाषा के सिनेमा में अपनी अनोखी और मार्मिक आवाज और विविध अभिनय कला के लिए प्रसिद्ध, गणेशन जल्दी ही अंतरराष्ट्रीय ख्याति भी प्राप्त करते चले गए।
शिवाजी ने अपनी ऐतिहासिक फिल्म वीरपांडिया कट्टाबोम्मन के लिए एक नामी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय कलाकार के रूप में इतिहास रच दिया, जो आज भी उनकी सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में से एक बड़ी फिल्म है। शिवाजी को देश में ही नहीं, बल्कि विदेश में भी बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला था। इस अवॉर्ड को जीतने वाले वह अपने एक्टर बने थे।
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