
किसान (सौजन्य-IANS)
Maharashtra Organic Seeds: इंसान की खुशी का रास्ता पेट से होकर जाता है। लेकिन आज पेट में जाने वाला अधिकांश भोजन रसायनयुक्त और असुरक्षित होता जा रहा है। इसलिए जैविक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। इसी दिशा में अब महाराष्ट्र राज्य बीज निगम (महाबीज) ने भी किसानों को जैविक बीज उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू कर दी है।
खास बात यह है कि ये जैविक बीज यवतमाल जिले में तैयार किए जाएंगे और पूरे राज्य के किसानों को वितरित किए जाएंगे। इससे जल्द ही यवतमाल का नाम ‘जैविक बीजों का केंद्र’ के रूप में उभर सकता है। महाबीज द्वारा इस रबी सीज़न में यवतमाल जिले में करीब 102 हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक बीज उत्पादन किया जाएगा। इसके लिए किसानों के चयन की प्रक्रिया जारी है।
यहां उत्पादित जैविक बीजों को अगली रबी पेरणी से पहले प्रमाणित कर पूरे महाराष्ट्र में उपलब्ध कराया जाएगा। यह महाबीज का जैविक बीज बाजार में पहला कदम माना जा रहा है। महाबीज ने वर्ष 2025-26 के रबी हंगाम से प्रायोगिक रूप से जैविक बीज उत्पादन कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके लिए यवतमाल की उपजाऊ जमीन को चुना गया है। जिले में पिछले कुछ वर्षों में जैविक खेती करने वाले किसानों की संख्या बढ़ी है।
किसानों को जैविक बीज उपलब्ध कराने के साथ ही उनके जैविक उत्पादों को बाज़ार दिलाने का भी प्रयास महाबीज करेगा। रबी बुवाई के बाद जिला कृषि अधिकारियों की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें अगले रबी सीजन के लिए प्रमाणित जैविक बीज उपलब्ध करवाने पर चर्चा की जाएगी।
| फसल | क्षेत्र (हेक्टेयर) |
|---|---|
| गेहूं | 30 |
| हरभरा (चना) | 65 |
| काला जीरा | 03 |
| सोंप (सुवा/डिल) | 02 |
| अजवाइन (ओवा) | 01 |
| प्याज़ | 1.60 |
महाबीज ने जैविक बीज उत्पादन के लिए यवतमाल का चयन कई कारणों से किया है। यहां कई वर्षों से सुभाष शर्मा ने सफल जैविक खेती कर मिसाल पेश की है, जिसके लिए उन्हें इस वर्ष पद्मश्री पुरस्कार मिला। स्वयं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उनकी खेती देखने पहुंचे थे। यवतमाल में महाबीज का कार्यालय भी स्थित है। साथ ही महाबीज की मैनेजिंग डायरेक्टर भुवनेश्वरी एस. ने दो वर्ष पहले पांढरकवडा प्रोजेक्ट ऑफिसर रहते हुए यहां की खेती का निरीक्षण किया था।
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महाबीज द्वारा यह कार्यक्रम शुरू किया गया है और हमारे जिले का चयन भी हुआ है। हालांकि अभी तक यह जानकारी नहीं मिली है कि किन किसानों का चयन किया गया है। लेकिन जैविक कृषि हेतु पद्मश्री सम्मानित सुभाष शर्मा से हम अवश्य मार्गदर्शन लेंगे।
– संतोष डाबरे, जिला कृषि अधीक्षक, यवतमाल






