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यवतमाल में जहरीली हुई हवा! MPCB रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा, करोड़ों की बैंक गारंटी भी जब्त

Coal Mine Pollution: MPCB रिपोर्ट में खुलासा: वणी में कोयला-चूना उद्योग से प्रदूषण चरम पर। करोड़ों की गारंटी जब्त, फिर भी हवा-पानी खतरे में। सांस लेने को लोग तरस रहे है।

  • By प्रिया जैस
Updated On: Dec 22, 2025 | 11:39 AM

कोयला खदान (सौजन्य-IANS)

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MPCB Report: कोयले की काली धूल, चूनाभट्टियों का जहरीला धुआं और नियमों को ठेंगा दिखाते उद्योगों से वणी शहर सचमुच “सांस लेने के लिए जूझता शहर” बन चुका है। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (MPCB) की ताजा रिपोर्ट ने वणी तहसील में फैले भीषण पर्यावरणीय संकट की भयावह तस्वीर सामने ला दी है।

रिपोर्ट साफ कहती है, वणी की हवा, पानी और जमीन तीनों गंभीर खतरे में हैं, और जिम्मेदार सिस्टम सिर्फ कार्रवाई का दिखावा कर रहा है। वणी तहसील की कई कोयला खदानों में वायु गुणवत्ता राष्ट्रीय मानकों से कई गुना ज्यादा प्रदूषित पाई गई है। बेलोरा–नायगांव खुली कोयला खदान में धूल कणों (PM) का स्तर 279.44 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, जो तय सीमा से कई गुना अधिक है।

रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा

यह आंकड़ा महज संख्या नहीं, बल्कि वणीवासियों के फेफड़ों पर मंडराता सीधा खतरा है। रिपोर्ट का एक और सनसनीखेज खुलासा यह है कि कई खदानों में सेडिमेंटेशन टैंक का गंदा पानी सीधे वर्धा नदी में छोड़ा जा रहा है। यानी जिस नदी पर हजारों लोग निर्भर हैं, उसे उद्योग खुलेआम जहरीला बना रहे हैं और प्रशासन आंख मूंदे बैठा है।

निलजई, मुंगोली–निर्गुडा, कोलारपिंपरी, घोन्सा और उकणी जैसी प्रमुख कोयला खदानों पर पहले भी कार्रवाई हो चुकी है। वायु प्रदूषण और सहमति पत्र की शर्तों के उल्लंघन के चलते 2 लाख से 10 लाख रुपये तक की बैंक गारंटी जब्त की गई। अब तक करोड़ों की गारंटी जब्त होने के बावजूद न तो खदानों का रवैया बदला, न ही प्रदूषण का स्तर घटा।सवाल उठता है क्या ये कार्रवाई महज औपचारिकता बनकर रह गई है?

प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के लिए खतरे की घंटी

एमपीसीबी ने भेजे आधिकारिक पत्र में स्वीकार किया है कि वणी तहसील की कई कोयला खदानों में वायु गुणवत्ता राष्ट्रीय मानकों से कई गुना ज्यादा प्रदूषित पाई गई है। सबसे बड़ा सवाल यही है की,जब बैंक गारंटी जब्ती, नोटिस और सुनवाई के बाद भी प्रदूषण नहीं रुक रहा, तो क्या उद्योगों को खुली छूट दे दी गई है?

यह भी पढ़ें – CBI रेड के 60 घंटे…कोयला घोटाले पर FIR की तैयारी, ‘रिजेक्ट’ बताकर बेचा करोड़ों टन कोयला?

क्या वणी के लोगों की सेहत की कीमत पर मुनाफे का खेल जारी रहेगा? एमपीसीबी की यह रिपोर्ट सिर्फ एक दस्तावेज नहीं, बल्कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के लिए खतरे की घंटी है। अगर अब भी ठोस और सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो वणी आने वाले दिनों में एक भीषण पर्यावरणीय और स्वास्थ्य आपदा का केंद्र बन सकता है,जहां सांस लेना भी एक संघर्ष होगा।

Wani coal lime industry pollution mpcb report danger

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Published On: Dec 22, 2025 | 11:39 AM

Topics:  

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  • Yavatmal
  • Yavatmal News

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