
वणी. पैनगंगा नदी किनारे के कोरपना नदी घाट पर पुल नही होने से यवतमाल और चंद्रपुर जिले के लोगो को अब भी गंभीर संकट का सामना करना पड रहा है. इस नदी घाट पर पुल निर्माण करने की मांग चार दशको से की जा रही है, पर पुल निर्माण के लिए प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधियो का ध्यान नही है. इसके चलते स्वतंत्रता के 72 वर्षो मे भी दोनो जिलो के नागरिको को जान खतरे मे डालकर नाव से सफर करना पड रहा है. एक घाट से दूसरी तरफ जाने के लिए नाव का ही सहारा है.
वणी तहसील के दक्षिण की ओर पैनगंगा के किनारे पर बसा तेजापुर और दूसरे किनारे बसा है गांधीनगर कोलशी गांव. तेजापुर गांव वणी से 40 किलोमीटर दूरी पर होने से केवल कोर्ट-कचहरी, संपत्ति खरीदी-बिक्री संबंधित काम के लिए वणी मे वहा के लोगो का आना-जाना रहता है. स्वास्थ्य सुविधाओ के साथ अन्य जरूरतो की चीजो के लिए समीप के चंद्रपुर जिले के कोरपना, गढचांदुर के बाजार मे लोग आना-जाना करते है. पर पैनगंगा नदी बारह माह बहनेवाली नदी होने से ग्रामीण को नाव से सफर करना पडता है.
ऐेसे मे उन्हे कोरपना परिसर मे आना-जाना करने के लिए मोहदा, कुरई मार्ग होते हुए 35 किलोमिटर की दूरी अधिक तय करके यात्रा करनी पडती है. ऐसे मे इस परिसर के नागरिको को शारीरिक परेशानी के साथ अधिक पैसा खर्च करना पडता है. नाव से यात्रा करते समय नाव पलटने से दर्घटना होने का खतरा हर समय बना रहता है. इसलिए नागरिको की सुरक्षा को ध्यान मे रखकर यहा पुल का निर्माण जरूरी है. 40 वर्ष से की जा रही पुल की मांग सरकार ने मंजूर नही की है.
इस क्षेत्र के नागरिको ने गत दिनो पालकमंत्री संदीपान भुमरे को ज्ञापन सौंपकर सरकार की ओर से पुल के लिए शीघ्र निधि मंजूर करने की मांग की थी, पर अब तक इस संदर्भ मे कोई हलचल नही हुई है.






