
यवतमाल. वरिष्ठ अधिकारियों को कोई पूर्व सूचना दिए बिना कार्यालय में अनुपस्थित रहनेवाले नगर परिषद के 17 कर्मचारियों को मुख्याधिकारी दादाराव डोल्हारकर ने कारण बताओ नोटिस दिया है. सोमवार को मुख्याधिकारी ने उक्त कार्रवाई की. इस कार्रवाई से नगर पालिका में सनसनी फैल गई है. इन कर्मचारियों को कार्यालय में मौजूद नहीं रहना भारी पड गया.
बता दें कि नगर परिषद के मुख्याधिकारी दादाराव डोल्हारकर पैर में चोट लगने के कारण पिछले कुछ दिनों से चिकित्सीय अवकाश पर थे. इस अवधि के दौरान दारव्हा के मुख्याधिकारी का प्रभार विट्ठल केदारे संभाल रहे थे. तीन चार्ज होने के कारण वह नियमित रूप से नगर परिषद में नहीं पहुंच रहे थे. इस मौके का फायदा उठाते हुए नगर पालिका के अधिकारी-कर्मचारी अपने-अपने काम में लग गये थे. मुख्याधिकारी डोल्हारकर सोमवार 10 जुलाई की दोपहर को ड्यूटी पर उपस्थित हुए.
इस दौरान उनको नगर परिषद कार्यालय परिसर में सन्नाटा देखने को मिला. उन्होंने निरीक्षण किया तो कार्यालय के विभिन्न विभागों के कई अधिकारी व कर्मचारी बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित थे. इस गंभीर मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्याधिकारी ने ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की जानकारी मांगी. जिसके बाद 17 लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. उनको तीन दिन के भीतर खुलासा प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है.
नोटिस में यह भी कहा गया है कि ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ अनुशासन भंग की कार्रवाई की जाएगी. अनुपस्थित 17 लोगों को नोटिस दिए जाने की जानकारी होते ही नगर पालिका में हड़कंप मच गया है. जिन लोगों को नोटिस दिए गए है, उनमें सुरेश आरख, गणेश तोटे, गजानन गायकवाड़, अमर गवई, अनिल चिंडाले, प्रियंका फुकटे, सुनील आजनकर, गजानन वातिले, मिन्हाज खान, निखिल पुराणिक, सुनील वासनिक, रक्षा शुक्ला, विनोद दिवटे, के.बी. शर्मा, लीलाधर दहिकर, अजय मिटकरी, विनय व्यास का समावेश है.
[blockquote content=”30 दिसम्बर 2022 को कार्यालय प्रमुख की पूर्वानुमति से अवकाश पर जाने का आदेश जारी किया गया है. आदेश में यह भी कहा गया है कि जो लोग बिना अनुमति के छुट्टी पर जाएंगे या बिना सूचना दिए कार्यालय से अनुपस्थित रहेंगे, उनके उस दिन के वेतन से कटौती कर सेवा पुस्तिका में दर्ज किया जाएगा. इस बीच आज 17 अधिकारी एवं कर्मचारी बिना पूर्व अनुमति के अनुपस्थित पाये गये. उनसे 3 दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है. स्पष्टीकरण नहीं देने या संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उनका 1 दिन का वेतन काटा जायेगा और अनुशासन भंग की कार्रवाई की जायेगी. ” pic=”” name=”दादाराव डोल्हारकर (मुख्याधिकारी)”]






