
महागांव में शिक्षा विभाग के कामकाज पर उठे सवाल (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Yavatmal News: महागांव तहसील में शिक्षा क्षेत्र बदहाली की कगार पर पहुंच गया है। शिक्षा अधिकारी और केंद्र प्रमूख के मिलीभगत के कारण इस क्षेत्र के विद्यार्थियों का शैक्षणिक भविष्य खतरे में है। शिक्षा विभाग की अक्षम्य लापरवाही के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की हालत खस्ता हो गई है। साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता गिरती जा रही है। प्रशासनिक अधिकारी और केंद्र प्रमूख के रूप में कार्यरत कुछ ‘प्रमुखों’ की मिलीभगत से विद्यार्थियों का जीवन बर्बाद होने का डर है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, महागाँव तालुका में शिक्षा विभाग का प्रशासन पूरी तरह से बदहाल हो गया है। बताया जा रहा है कि शिक्षा अधिकारी और कई केंद्र प्रमूखों के बीच मिलीभगत है।
तस्वीर यह है कि शैक्षणिक गतिविधियों के लिए प्राप्त धनराशि, स्कूल की मरम्मत के काम की योजना और आवश्यक सुविधाओं का प्रावधान केवल कागजों पर है। जमाखोरी की इस नीति ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के सपने को चकनाचूर कर दिया है। तालुका के कई स्कूलों की इमारतें जर्जर हो गई हैं।
कुछ स्थानों पर, पीने के पानी और शौचालयों की गंभीर समस्या है। शिक्षकों के रिक्त पदों के कारण छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। कुछ स्कूलों में, बिना डी।एड। डिप्लोमा वाले ठेका कर्मी (शिक्षक) शिक्षा विभाग के माध्यम से काम कर रहे हैं और नियुक्त ‘गुट्टे कंस्ट्रक्शन’ शिक्षक ठेकेदारी करने में व्यस्त है। इस ठेकेदार ने तालुका में कई जगहों पर जलजीवन मिशन के काम के ठेके ले रखे हैं। गुट शिक्षा अधिकारी उक्त ठेकेदार शिक्षक का वेतन कैसे निकाल सकते हैं जो स्कूल में छात्रों को शिक्षित नहीं कर रहा है?
यह एक गंभीर सवाल उपस्थित किया जा रहा है। ऐसी गंभीर स्थिति में, शिक्षा अधिकारियों और केंद्र प्रमुखों की ओर से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं होती है शिक्षा विभाग की यह लापरवाही उनके उज्ज्वल भविष्य में बड़ी बाधा उत्पन्न कर रही है। यदि शिक्षा व्यवस्था का यह ‘आर्थिक कुचक्र’ इसी प्रकार जारी रहा, तो कल के उज्ज्वल भविष्य को आकार देने वाले शिक्षा क्षेत्र की स्थिति खराब हो जाएगी और विद्यार्थियों का भविष्य संकट में पड़ जाएगा।
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महागांव तालुका के नागरिकों, अभिभावकों और सामाजिक संगठनों ने समूह शिक्षा अधिकारी और संबंधित केंद्राध्यक्षों की मनमानी पर कड़ा रोष व्यक्त किया है। इस मामले की उच्चस्तरीय जाँच और दोषी अधिकारियों व केंद्राध्यक्षों के विरुद्ध कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की माँग ने ज़ोर पकड़ लिया है। विद्यार्थी और अभिभावक वर्ग की माँग है कि राज्य के शिक्षामंत्री इस गंभीर मामले का तत्काल संज्ञान लें और महागांव तालुका की शिक्षा व्यवस्था में इस ‘रामभरोसे’ कुचक्र को तुरंत रोकें।






