यवतमाल न्यूज
Yavatmal News: यवतमाल की स्कूलों में बच्चों की हाजिरी बनाए रखने के लिए सरकार ने कई उपाय किए हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण योजना स्कूल पोषण आहार योजना मानी जाती है। यह योजना सरकारी स्कूलों, स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के स्कूलों और अनुदानित स्कूलों में लागू की जा रही है। जिले में प्राथमिक कक्षा (पहली से पांचवी) के 1,48,093 बच्चे इस आहार के लाभार्थी हैं।
वहीं उच्च प्राथमिक कक्षा (छठवीं से आठवीं) के 95,984 बच्चे – इस योजना के लाभार्थी हैं। यवतमाल जिले में कुल 2,750 स्कूलों में रोजाना पोषण प्रधानाचार्य और शिक्षक इस आहार पर रोज नजर रखते हैं। बच्चों के पेट में पौष्टिक भोजन पहुंचे, इसकी पूरी जिम्मेदारी वे लेते हैं। कई शिक्षक खुद बच्चों को भोजन – खिलाते और सर्व करते हैं।
हालांकि कभी-कभी यदि कोई त्रुटि होती है, तो समाज से आलोचना का सामना करना पड़ता है, फिर भी उन्होंने इस योजना को बनाए रखा है। क्योंकि स्कूल सिर्फ ज्ञान का मंदिर ही नहीं, बल्कि गरीब बच्चों का आश्रय स्थल भी होना चाहिए, इसी वजह से जिले के प्राथमिक स्कूलों में हाजिरी की संख्या आज 2,44,077 तक पहुंच चुकी है।
2, 500 स्कूलों में गरीब बच्चों को भोजन बनवाने का काम गांव की गरीब महिलाएं कर रही हैं। लेकिन इन महिलाओं को कई वर्षों तक केवल 1, 500 रुपये प्रति माह का न्यूनतम वेतन दिया गया। दो साल पहले यह वेतन बढ़ाकर 2,500 रुपये किया गया। फिर भी इसमें केंद्र सरकार का हिस्सा अभी बढ़ाया नहीं गया है। मांग है कि पोषण आहार कार्यकर्ताओं को कम से कम 26,000 रुपये प्रति माह का मानधन दिया जाए।
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अब इस योजना में विभिन्न प्रकार का मेन्यू दिया जाता है, इसलिए बच्चे इसे खुशी-खुशी को पूरक आहार के रूप में कभी फल, कभी राजगीरा लहू, कभी मूंगफली चिक्की दी जाती है। इस योजना से बच्चों की हाजिरी बढ़ाने में भी मदद मिल रही है।
तहसील | पहली-पांचवी | छठवीं-आठवीं |
---|---|---|
आर्णी | 10114 | 6681 |
बाबूलगांव | 4249 | 2839 |
दारवा | 11940 | 7544 |
दिग्रस | 9367 | 6739 |
घाटंजी | 7608 | 5004 |
कलंब | 4940 | 2926 |
महागांव | 12418 | 7700 |
मारेगांव | 3399 | 2087 |
नेर | 6099 | 4008 |
पांढरकवड़ा | 7199 | 4489 |
पुसद | 24586 | 15227 |
रालेगांव | 4881 | 2882 |
उमरखेड़ | 17028 | 11708 |
वणी | 6574 | 4671 |
यवतमाल | 14118 | 9823 |
झरी जामणी | 3573 | 1656 |
कुल | 148093 | 95984 |