
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: AI)
Maharashtra Police DG Loan Scheme: महाराष्ट्र के पुलिसकर्मियों के लिए अपना घर बनाने का सपना अब हकीकत में बदलने वाला है। पिछले दो वर्षों से फंड की कमी के कारण बंद पड़ी ‘डीजी लोन’ (Home Construction Advance) योजना को राज्य सरकार ने फिर से जीवनदान दे दिया है। सरकार ने इस योजना के लिए 1,768 करोड़ रुपये की भारी-भरकम निधि को मंजूरी दी है, जिससे प्रदेश भर के हजारों पुलिस परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
यवतमाल सहित राज्य के कई जिलों में पुलिसकर्मी आज भी अंग्रेजों के जमाने की या जर्जर हो चुकी सरकारी कॉलोनियों में रहने को मजबूर हैं। 24 घंटे की ड्यूटी और आकस्मिक सेवा की व्यस्तताओं के बीच पुलिसकर्मियों के लिए निजी बैंकों से गृह ऋण लेना न केवल महंगा पड़ता है, बल्कि इसकी प्रक्रिया भी जटिल होती है। इन चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने ‘डीजी लोन’ की व्यवस्था की थी, लेकिन पिछले दो सालों से बजट की कमी के कारण आवेदन लंबित पड़े थे। अब निधि आवंटित होने से लंबित प्रस्तावों को मंजूरी मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
डीजी लोन योजना विशेष रूप से पुलिस बल के लिए डिजाइन की गई एक कल्याणकारी योजना है। इसके तहत पुलिसकर्मी को उनके मूल वेतन (Basic Pay) के 125 गुना तक की राशि घर निर्माण के लिए ऋण के रूप में दी जाती है। इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता इसकी न्यूनतम ब्याज दर और वेतन से कटने वाली आसान मासिक किस्तें हैं। ऋण प्राप्त करने के लिए पुलिसकर्मी के पास स्वयं की मालिकी की जमीन होना अनिवार्य है।
प्रशासन ने इस बार योजना के कार्यान्वयन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कुछ कड़े नियम भी बनाए हैं। पूर्व में यह देखा गया था कि कुछ पुलिसकर्मी अग्रिम राशि का उपयोग घर बनाने के बजाय अन्य निजी कार्यों में कर रहे थे। इसे रोकने के लिए अब मंजूर राशि एकमुश्त न देकर निर्धारित किस्तों (Stages) में दी जाएगी। जैसे-जैसे निर्माण कार्य आगे बढ़ेगा, वैसे-वैसे अगली किस्त जारी की जाएगी।
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जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालयों के माध्यम से डीजी कार्यालय को भेजे गए कई प्रस्ताव तकनीकी कारणों या दस्तावेजों की कमी की वजह से अटके हुए थे। फंड की उपलब्धता के साथ ही अब ऐसे पुलिसकर्मियों को अपनी फाइल की कमियां सुधारने का अवसर दिया जाएगा। वर्तमान में एसपी कार्यालयों द्वारा डीजी कार्यालय के साथ आवश्यक पत्राचार शुरू कर दिया गया है, ताकि जल्द से जल्द पात्र कर्मियों के खातों में राशि भेजी जा सके।
बताया जा रहा है कि सरकार व विभाग के इस निर्णय से न केवल पुलिसकर्मियों का आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि उनके परिवारों को सुरक्षित और आधुनिक आवास भी मिल सकेंगे।






