लोहा-सीमेंट घोटाला (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Maharashtra News: झरी जामणी तहसील के बडे गांवों में लोहे और सीमेंट के व्यापारियों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। एक ओर ये व्यापारी ग्राहकों से मनमाने दाम वसूलकर ‘आम के आम और गुठलियों के दाम’ वसूल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कथित तौर पर जीएसटी चोरी कर सरकार को लाखों का नुकसान पहुंचा रहे हैं।
शहर के बुद्धिजीवी वर्ग ने जीएसटी विभाग से आकस्मिक निरीक्षण की मांग करते हुए इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। जीएसटी लागू होने के पीछे सरकार की मंशा थी कि वस्तु एवं सेवा कर की एकीकृत प्रणाली से व्यापारियों द्वारा टैक्स चोरी रुक जाएगी और सरकार को नियमित राजस्व प्राप्त होगा। ग्राहकों को भी ठगी से राहत मिलने की उम्मीद थी। लेकिन इसके विपरीत जीएसटी चोरी का धंधा फल फूल रहा है।
कई व्यापारी तो लोहा और सीमेंट का बिल भी ग्राहक को नहीं देते। सूत्रों के अनुसार कई विक्रेता लोहे-सीमेंट की असली कीमत दिखाने के बजाय बिल में हेरफेर कर कम टैक्स दिखाते हैं, जबकि ग्राहकों से पूरी रकम वसूली जाती है। इससे न केवल ग्राहकों की जेब कट रही है, बल्कि सरकार को भी भारी नुकसान हो रहा है। लेकिन व्यापारियों ने मानो पुरानी आदत नहीं छोड़ी।
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टैक्स चोरी की प्रवृत्ति छोड़ने के बजाय यह व्यापारी नए-नए तरीके निकालकर सरकार को चूना लगा रहे हैं। बडे ग्रामवासियों का कहना है कि यदि जीएसटी विभाग ने समय-समय पर सख्त कार्रवाई नहीं की, तो यह गोरखधंधा यूं ही चलता रहेगा। अब सबकी नजर जीएसटी विभाग पर है कि क्या वह इस टैक्स चोरी के खेल पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाएगा।