बिना प्रस्ताव ग्राम पंचायत भवन को जमींदोज किया (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Umarkhed News: बिटरगांव (बु.) के सरपंच, ग्राम पंचायत अधिकारी और एक सदस्य ने बिना किसी निर्लेखन प्रस्ताव को मंजूरी दिए ग्राम पंचायत भवन को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। इतना ही नहीं, भवन में मौजूद लाखों रुपये मूल्य के सागवान फर्नीचर और अन्य सामग्री की बिना किसी प्रक्रिया के मनमानी बिक्री करने का गंभीर आरोप पूर्व ग्राम पंचायत सदस्य राजेश पिटलेवाड ने लगाया है।
राजेश पिटलेवाड के अनुसार, सरपंच और सदस्यों ने मिलीभगत कर ग्राम पंचायत भवन, सचिव आवास और दो शौचालयों को बिना किसी वैध प्रस्ताव, बिना बजटपत्र, बिना तकनीकी मंजूरी, बिना नापजोख पुस्तिका और बिना वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के जमींदोज कर दिया।
ध्वस्त भवन की सीमेंट चादरें, कवेलू, सागवान लकड़ी, दरवाजे, खिड़कियां, फरशी, ईंटें और अन्य लाखों रुपये मूल्य की सामग्री का न तो कोई नीलाम किया गया और न ही बिक्री की रकम ग्राम पंचायत के बैंक खाते में जमा की गई। शिकायतकर्ता ने कहा कि यह पूरी कार्रवाई निजी स्वार्थ के लिए की गई है और इसलिए संबंधितों की गहन जांच कर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
बिटरगांव (बु.), पं.स. उमरखेड के ग्राम पंचायत अधिकारी विनोद मोरे ने कहा कि “ग्राम पंचायत ने वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति से सभी प्रक्रिया नियम अनुसार पूरी की है। तक्रार में कोई तथ्य नहीं है। शिकायत किसी उद्देश्य से की गई लगती है। हम किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।”
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शिकायतकर्ता राजेश पिटलेवाड ने कहा कि “18 नवंबर को की गई शिकायत के बाद जांच में विलंब होने से संबंधित लोगों को आरोपों का खंडन तैयार करने का मौका मिला होगा, ऐसा मुझे संदेह है।”