वंचित बहुजन समाज पार्टी का प्रदर्शन (सौजन्य-नवभारत)
Yavatmal News: यवतमाल जिले के मारेगांव संभाग में देश के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति भूषण गवई पर हमले के विरोध में वंचित बहुजन आघाड़ी, मारेगांव तहसील इकाई की ओर से तीव्र निषेध दर्ज किया गया। इस हमले को भारतीय संविधान और न्याय व्यवस्था की प्रक्रिया पर सीधा आघात बताते हुए, वंचित बहुजन आघाड़ी ने आरोपी पर सख्त कानूनी कार्रवाई करते हुए देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की है।
वंचित बहुजन आघाड़ी के वणी विधानसभा प्रमुख राजू निमसटकर के नेतृत्व में मारेगांव के डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर चौक से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता तहसील कार्यालय की ओर निकले। डा। बाबासाहेब आंबेडकर के पुतले को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कार्यकर्ताओं की यह सभा मोर्चे में तब्दील हो गई।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायपीठ में मुख्य न्यायाधीश की ओर जूता फेंकने का प्रयास केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि भारतीय लोकतांत्रिक संस्थाओं और मूल्यों का अपमान है। वंचित बहुजन आघाड़ी ने भारत सरकार से मांग की कि इस घटना के आरोपी (वकील राकेश किशोर) पर सिर्फ निलंबन की कार्रवाई न कर, उसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
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न्याय व्यवस्था की प्रतिष्ठा बनाए रखने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आरोपी पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए। वंचित बहुजन आघाड़ी की ओर से तहसीलदार के साथ ही वणी विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय देरकर को भी मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। इस अवसर पर ज्ञानेश्वर मुन, अनिल खैरे, अभिषा निमसटकर, यशोधरा लिहीतकर, अनंता खाडे, रवी तेलंग, रेखा काटकर, शोभा दारुंडे, विप्लव ताकसांडे आदि बड़ी संख्या में उपस्थित थे।