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वणी: बगैर मोबाइल के आज कल कोई कार्य नहीं होते, मोबाइल मे बैलेंस न हो तो परेशानी उठानी पडती है। डिजिटल इंडिया, कैसलेस व मोबाइल बैंकिंग को बढावा दिया जा रहा है, लेकिन मोबाइल कंपनियों की मनमानी से लोग परेशान हो गए है। रिचार्ज करने के बाद स्वीकृति का मैसेज आ जाता है, लेकिन मोबाइल में बैलेंस नही डाला जाता। कॉल लगाने पर अपर्याप्त बैलेंस का संदेश मिलता है और किसी से बात नही हो पाती इस प्रकार ग्राहको की जेब पर डाका डाला जा रहा है। यह सीधे-सीधे ग्राहको की लूट है।
ऐसी अनेक शिकायते समाने आ रही है। इसमे भी छात्रो व वरिष्ठ नागरिको के साथ इस प्रकार की घटना हो तो वे परेशान हो जाते है, क्योकि वे बडी मुश्किल से रिचार्ज के लिए हर महीने पैसो का बंदोबस्त कर पाते है। 80,90,100 रू। उनके लिए काफी मायने रखता है। पैसे देने के बाद भी मोबाइल का रिचार्ज नहीं हो पाया तो पैसे तो जाते ही हैं वही उन्हे मानसिक परेशान होना पडता है।
पहले ही इन मोबाइल कंपनियों ने 24 व 28 दिन का महीना कर रखा है। उसमें भी इस अवधि में 5 से 6 दिन नेट काम नही करता। जिससे भी ग्राहकों पर असर पड रहा है। ग्राहकों को आम तौर पर महीने मे केवल 24 से 28 दिन ही सेवा दी जाती है। कुछ परेशान होने पर घंटो तक शिकायत नंबर व्यस्त दिखाए जाने पर ग्राहक नाराज हो जाते है। इस कारण ग्राहकों के सामने सवाल पैदा हो गया है किससे शिकायत करे।
इस संबंध में एक वरिष्ठ नागरिक रामास्वामी ने बताया कि उन्होंने 21 नवंबर को वोडाफोन कंपनी से नजदीकी दूकानदार से 80 रू। का रिचार्ज कराया था। रिचार्ज सक्सेसफुल होने पर तत्काल ही 21 दिनों के लिए राशि स्वीकृति का मैसेज आ गया लेकिन इसके बाद फिर कंपनी से फोन आया की बैलेंस नही है, लेकिन उनके तो पैसे डूब गए। अब कंपनी ने रेट भी बढा दिए। अब बढे हुए दर पर रिचार्ज करना पडेगा। उन्होंने कहा कि यह तो ग्राहको के साथ कंपनी की धोखाधडी है। इससे उन्हे मानसिक रूप से परेशान होना पडा है।
कवरेज व नेट की समस्या तो थी ही इसमें अब मोबाइल कंपनियों में रिचार्ज के दाम बढा दिए। अचानक बढी कीमतों के कारण न केवल ग्राहक बल्कि रिचार्ज करा देने वाले दूकानदार भी प्रभावित हुए है। इन विभिन्न मोबाइल रिचार्ज कंपनियों द्वारा दर में वृध्दि से कालेज के छात्र, मध्यम वर्ग के नागरिकों के साथ ही रिचार्ज दूकानदारों को भी बहुत प्रभाव पडा है। वही मोबाइल कंपनियों के खिलाफ नाराजगी देखी जा रही है।
दूसरी और ग्राहकों की कम संख्या दूकानदारों को खलने लगी है। क्योंकि पहले रिचार्ज कराने के लिए इन दूकानदारों के पास जाना पडता था, लेकिन अब बडी संख्या में ग्राहक सीधे आनलाइन रिचार्ज करने लगे है। लोग अब रिचार्ज के लिए बनाए गए एप से रिचार्ज करने की बडे पैमाने पर सुविधा के कारण आनलाइन रिचार्ज कर रहे है। जिससे दूकान से रिचार्ज खरीदी का प्रमाण कम हो गया है।