आधार कार्ड (सौ. Freepik)
Yavatmal News In Hindi: आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए शिक्षकों की मान्यता अब आधार आधारित छात्र संख्या के आधार पर तय की जाएगी। छात्रों के आधार सत्यापन (मान्यकरण) की प्रक्रिया पूरी करने के लिए केवल 20 दिन शेष हैं, राज्य के लगभग सात लाख छात्रों के आधार नंबर अमान्य साबित हुए हैं। यदि समय रहते उनके आधार को संशोधित और मान्य नहीं किया गया, तो सैकड़ों शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है।
शिक्षा विभाग हर साल 30 सितंबर तक स्कूल में नामांकित छात्रों की संख्या के आधार पर शिक्षकों के पदों को मंजूरी देता है। लेकिन अब यह मान्यता तभी मिलेगी जब प्रत्येक छात्र के पास आधार कार्ड होगा और उसे यूआईडीएआई द्वारा ‘वैध’ घोषित किया जाएगा। इस प्रक्रिया में लगभग सात लाख छात्रों के आधार नंबर अमान्य निकले हैं। परिणामस्वरूप, वे छात्र स्कूल में पढ़ते हुए भी शिक्षकों के अनुमोदन के लिए नहीं गिने जाएंगे।
राज्य के विभिन्न स्कूलों में कक्षा एक से बारहवीं तक कुल 2 करोड़ 4 लाख 63 हजार 392 विद्यार्थी आधार कार्ड की पाबंदी का लाभ ले रहे हैं। 5 सितंबर तक इनमें से 1 करोड़ 91 लाख 35 हजार 296 विद्यार्थियों के आधार यूआईडीएआई के आंकड़ों से मिलान कर वैध साबित हो चुके हैं। यह अनुपात 93.51 प्रतिशत है। चिंताजनक बात यह है कि राज्य में 5 लाख 27 हजार 602 विद्यार्थियों के पास आधार कार्ड नहीं है, जबकि 63 हजार 9 विद्यार्थियों का आधार सत्यापन लंबित है।
इसके अलावा 7 लाख 37 हजार 485 विद्यार्थियों के आधार अवैध साबित हुए हैं। शिक्षा विभाग ने अब जिन विद्यार्थियों के पास आधार नहीं है, उनके आधार कार्ड बनाने और जिनके आधार में त्रुटियां हैं, उन्हें दुरुस्त करने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया है। हालांकि, शिक्षक इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि लाखों विद्यार्थियों के सहयोग से इतने कम समय में यह काम कैसे पूरा होगा।
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सेतु केंद्रों पर जाकर विद्यार्थियों का आधार कार्ड बनाना या उसमें सुधार करना समयानुकूल कार्य है। साथ ही स्कूलों को इसमें अभिभावकों का सहयोग भी नहीं मिल पा रहा है। इसलिए प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों के लिए 816 आधार नामांकन किट (नामांकन मशीनें) उपलब्ध कराई हैं। ये मशीनें समूह साधन केंद्रों पर रखी जाएंगी और केवल संबंधित समूह के विद्यार्थियों के आधार कार्ड की ही प्रक्रिया होगी। अब पूरे स्कूलों की उम्मीद इन्हीं मशीनों पर टिकी है।