यवतमाल न्यूज
Gun Licenses: यवतमाल जिले में आत्मरक्षा और खेती के लिए बड़े पैमाने पर शस्त्र लाइसेंस की मांग होती रहती है। इन्हीं कारणों से प्रस्ताव दाखिल करने वालों की संख्या भी अधिक है। फिलहाल जिले में 742 लोगों के पास शस्त्र रखने की आधिकारिक अनुमति है। इन पर पुलिस की जिला विशेष शाखा और राजस्व विभाग की गृह शाखा का नियंत्रण रहता है।
राजस्व विभाग की गृह शाखा के अनुसार जिले में 742 लोगों के पास आधिकारिक शस्त्र लाइसेंस हैं। इनमें से अधिकतर आत्मरक्षा और खेती सुरक्षा के आधार पर जारी किए गए हैं। हाल ही में बैंकों की सुरक्षा और शौकिया निशानेबाजों द्वारा भी कुछ लाइसेंस लिए गए हैं। जिले में जिन 742 लोगों के पास शस्त्र लाइसेंस हैं, उनमें उद्योजक, व्यापारी, जनप्रतिनिधि, डॉक्टर और वीआईपी शामिल हैं।
लाइसेंस देते समय यह जांच की जाती है कि वास्तव में उन्हें आत्मरक्षा की आवश्यकता है या नहीं, वे किसी आपराधिक प्रवृत्ति के तो नहीं, उन्हें हथियार चलाने का ज्ञान है या नहीं और वे हथियार की सुरक्षा सही ढंग से कर पाएंगे या नहीं। यही नहीं, निर्धारित समय पर इन लाइसेंसों का नवीनीकरण और हथियारों की फिटनेस की जांच भी की जाती है। इसके अलावा चुनाव और आचार संहिता के दौरान सावधानी के तौर पर नज़दीकी पुलिस थाने में हथियार जमा करने के आदेश दिए जाते हैं। आदेश का पालन न करने पर कानूनी कार्रवाई भी की जाती है।
राइफल, रिवॉल्वर, कॉम्प्रेशन और बोअर गन का इस्तेमाल करने वालों पर पुलिस की कड़ी नज़र रहती है। लगभग एक महीने पहले यवतमाल निवासी रणवीर रमन वर्मा को पुलिस ने हिरासत में लिया। उसके पास 3.2 गन, कॉम्प्रेशन गन, बोअर गन, रिवॉल्वर, बुलेटप्रूफ जैकेट और 300 से अधिक जिंदा कारतूस मिले। वह खुद को शौकिया शार्प शूटर बताता था और यह भी कहता था कि उसके पास लाइसेंस है। लेकिन पुलिस जांच में पता चला कि उसके पास कोई लाइसेंस नहीं था। इसके बाद पुलिस ने उसका शस्त्र भंडार जब्त कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
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जिले में 742 लोगों के पास आधिकारिक शस्त्र लाइसेंस हैं। इनका समय-समय पर नवीनीकरण और हथियारों की फिटनेस की जांच की जाती है। इसके अलावा विभिन्न कानूनी पहलुओं की भी समीक्षा होती है।
– सतीश कांबले, गृह शाखा, यवतमाल