माइट (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Washim News: वाशिम जिले में स्क्रब टाइफस बीमारी के मामले सामने आने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ाते हुए जनजागरूकता अभियान शुरू किया है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अर्पित चव्हाण ने नागरिकों से बीमारी के लक्षणों और बचाव के उपायों को गंभीरता से अपनाने की अपील की है। यह बीमारी ‘ओरिएंटा त्सुसुगामुशी’ नामक जीवाणु से फैलती है, जो ‘माइट’ नामक कीट के काटने से होती है।
विशेष रूप से खेतों और जंगलों में काम करने वाले लोगों को इसका अधिक खतरा होता है। झाड़ियों में काम करते समय पूरे शरीर को ढकने वाले वस्त्र पहनने, कीट विकर्षक लोशन लगाने और घर के आसपास सफाई रखने की सलाह दी गई है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। पी। एस। ठोंबरे ने ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वेक्षण, कीटनाशक छिड़काव और दवा आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि समय पर इलाज से यह बीमारी पूरी तरह ठीक हो सकती है, इसलिए नागरिक घबराएँ नहीं, बल्कि सरकारी अस्पतालों में तुरंत जांच कराएँ। प्रशासन ने ‘आपका स्वास्थ्य, आपकी ज़िम्मेदारी!’ के संदेश के साथ सहयोग की अपील की है।
वाशिम में दिवाली के दौरान किसी भी दुर्घटना से बचाव हेतु जिलाधिकारी योगेश कुंभेजकर ने पटाखों की बिक्री और उपयोग को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पटाखों की दुकानें केवल खुले स्थानों या मैदानों में ही लगाई जा सकेंगी। दुकानों के शेड अग्निरोधक और बंद होने चाहिए, तथा अजनबी के प्रवेश पर रोक रहेगी। दो दुकानों के बीच 3 मीटर की दूरी और संरक्षित कार्य से 50 मीटर की दूरी अनिवार्य होगी।
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दुकानों में ग्रीन पटाखों की ही बिक्री होगी और एक दुकान में अधिकतम 100 किलोग्राम पटाखे या 500 किलोग्राम चीनी पटाखे रखे जा सकेंगे। पटाखे फोड़ने की अनुमति केवल रात 8 से 10 बजे तक दी गई है। भीड़भाड़ वाले स्थानों, सार्वजनिक स्थलों और आवासीय क्षेत्रों में पटाखों की बिक्री व भंडारण पर प्रतिबंध लगाया गया है।