अकोला आरबीआई (सौ. सोशल मीडिया )
Akola News In Hindi: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और अकोला-वाशिम जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के संयुक्त तत्वावधान में री-केवाईसी अभियान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आरबीआई नागपुर के रिजनल डाइरेक्टर सचिन शेंडे ने नागरिकों से अपील की कि वे केंद्र सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का अधिकतम लाभ लें।
शेंडे ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना जैसी योजनाएं बेहद कम प्रीमियम में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि केवल 1।25 प्रतिदिन के निवेश से आम नागरिक इन योजनाओं से जुड़ सकते हैं और अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए खाताधारकों को अपनी बैंक केवाईसी अपडेट करना आवश्यक है। इसी उद्देश्य से आरबीआई ने यह अभियान शुरू किया है ताकि बैंकिंग से वंचित वर्ग को मुख्यधारा में लाया जा सके।
शेंडे ने कहा कि इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए खाताधारकों को अपनी बैंक केवाईसी (Know Your Customer) प्रक्रिया को पुनः पूरा करना आवश्यक है। इसी उद्देश्य से आरबीआई ने यह री-केवाईसी अभियान शुरू किया है ताकि बैंकिंग से वंचित वर्ग को मुख्यधारा में लाया जा सके। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे इस अवसर का लाभ उठाकर अपनी केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण करें और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुड़ें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष डॉ संतोषकुमार कोरपे ने की। उन्होंने कहा कि वास्तविक आर्थिक समावेशन तभी संभव है जब समाज का हर व्यक्ति बैंकिंग प्रणाली से जुड़ जाए। उन्होंने जिले में री-केवाईसी की दर कम होने पर चिंता जताई और नागरिकों से शीघ्र री-केवाईसी कराने की अपील की। इस अवसर पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया रिजनल मैनेजर पंकज कुमार, अग्रणी बैंक प्रबंधक नयन सिन्हा, नाबार्ड जिला प्रबंधक श्रीराम वाघमारे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनंत वैद्य, सहायक प्रबंधक प्रसन्ना बोनथा सहित बैंक के अधिकारी, कर्मचारी, ग्राहक, किसान और महिलाएं बड़ी संख्या में उपस्थित थीं।
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बोरगांव मंजू क्षेत्र के नागरिकों ने इस अभियान को भरपूर समर्थन दिया और बड़ी संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम का प्रारंभिक भाषण मुख्याधिकारी जी। एच। शिंदे ने दिया, जबकि आभार प्रदर्शन कार्यकारी अधिकारी अनंत वैद्य ने किया। यह आयोजन न केवल बैंकिंग जागरूकता बढ़ाने का माध्यम बना, बल्कि सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के प्रति नागरिकों में विश्वास और भागीदारी भी बढ़ी। आरबीआई और जिला बैंक के इस संयुक्त प्रयास ने ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित किया है।