बाघ का शिकार (AI Generated Photo)
TM-1 Tiger: वर्धा जिले के समुद्रपुर जंगल क्षेत्र में ‘टीएम-1’ नामक बाघ को पिंजरे में कैद करने का आदेश वन विभाग को प्राप्त हुआ है। इस नर बाघ को पकड़ने के लिए चंद्रपुर जिले के विशेषज्ञ समुद्रपुर तहसील में पहुंच चुके हैं। वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अब इस बाघ की विशेष खोज अभियान के तहत तलाश कर रहे हैं।
अधिकारियों का विश्वास है कि जल्द ही टीएम-1 को ट्रैक कर बेहोशी का डार्ट देकर पिंजरे में कैद किया जाएगा। विदर्भ को बाघों की राजधानी भी कहा जाता है। वर्धा जिले के समुद्रपुर तहसील, जो बोर टाइगर प्रोजेक्ट का हिस्सा है, से अक्सर बाघ चंद्रपुर के ताडोबा टाइगर रिजर्व या मेलघाट और उमरेड-करंडला की ओर जाते रहते हैं। समुद्रपुर में लगभग 7 वयस्क बाघों का आवास है, जिसमें टीएम-1 भी शामिल है।
अब तक इस बाघ ने 9 पालतू जानवर शिकार किए हैं और वह खेतों के पास घूमते देखा गया है। इस वजह से मानव-वन्यजीव संघर्ष की आशंका को देखते हुए वन्यजीव के मुख्य वन संरक्षक द्वारा बाघ को पिंजरे में कैद करने का आदेश जारी किया गया है। इसके बाद चंद्रपुर के पशु चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ। रविकांत खोब्रागड़े समुद्रपुर में पहुंचे हैं। रुक-रुक कर भारी बारिश होने के कारण बेहोशी का डार्ट मारकर बाघ को पकड़ने की कार्रवाई में बाधा आ रही है।
टीएम-1 बाघ ने अब तक किसी मानव पर हमला नहीं किया है। किन्तु भविष्य के खतरे को भांपते हुए वन विभाग ने वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति लेकर उसे पकड़ने की मंजूरी प्राप्त की है। अब 40 से अधिक वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी समुद्रपुर तहसील के जंगलों में बाघ की तलाश कर रहे हैं। साथ ही बाघ की गतिविधियों वाले क्षेत्रों के 10 गांवों में अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं ताकि मानव-वन्यजीव संघर्ष न हो।
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वन विभाग के अनुसार ‘टीएफ-1’ नामक बाघिन तीन शावकों के साथ समुद्रपुर क्षेत्र में रह रही है। नवंबर और दिसंबर 2023 में जंगल के शिवणफळ इलाके में लगाए गए ट्रैप कैमरों में टीएम-1 व टीएफ-1 की मौजूदगी दर्ज की गई थी। बाद में टीएफ-1 अपने शावकों के साथ देखी गई। वन विभाग के निरीक्षण में यह स्पष्ट हुआ कि टीएम-1 ही इन शावकों का पिता है। अब उसी बाघ को पिंजरे में कैद करने की कोशिशें वन विभाग द्वारा की जा रही हैं।